पन्ना: कल्दा पठार के ग्राम आजादी के दशकों बाद भी बुनियाद सुविधाओं से अछूते
- कल्दा पठार के ग्राम आजादी के दशकों बाद भी बुनियाद सुविधाओं से अछूते
- ग्राम सरसा, फुंदवानी, आमाझोर में नहीं है सडक, विद्युत की भी व्यवस्था नहीं
- ग्रामीणों ने कहा कि नहीं मिलेगी सुविधायें तो करेंगे लोकसभा मतदान का बहिष्कार
डिजिटल डेस्क, कल्दा नि.प्र.। देश के आजाद हुए इतना लंबा अर्सा हो चुका है और ऐसे में अब शायद ही बहुत कम ऐसे ग्राम हों जहां सडक, बिजली और पानी जैसी सुविधायें मुहैया न हो वहीं कुछ ग्राम ऐसे भी हैं जो आज भी इन बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसा ही हाल पन्ना जिले के सुदूर आदिवासी बाहुल्य कल्दा पठार के ग्रामों का है जहां ग्राम सरसा, फुंदवानी, आमाझोर आज भी सडकों के लिए तरस रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन, शासन, विधायक व सांसद को कई बार इस संबध में लिखित आवेदन दिया और समय-समय पर यहां दौरा करने आने वाले जनप्रतिनिधियों से इस संबध में मौखिक रूप से मांग भी रखी लेकिन नतीजा सिफर ही निकला और स्थिति जस की तस बनीं हुई है। यहां के आदिवासियों को बरसात में भारी समस्या का सामना करना पडता है। जहां सडक न होने से बीमारी की हालत में उन्हें या तो १५ किमी दूर या तो कल्दा अथवा ४० किमी दूर सलेहा जाने में समस्या होती है।
ग्राम मुहली से ३ से ४ किमी लगभग सडक बनना है। मुहली तक सडक की व्यवस्था है ग्राम सरसा के निवासियों द्वारा आज तक जितने भी जनप्रतिनिधि चुने गए उनको लिखित रूप से आवेदन सरपंच व जनपद सदस्यों के माध्यम से दिया गया लेकिन ग्रामीणजनों की समस्या जस की तस बनीं हुई है। वहीं यहां लाईट की व्यवस्था न होने से ग्रामीणों को गेहूं पिसाने समीपी सतना जिले के ग्राम मल्हान, आलमपुर तक जाना पडता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस बार लोकसभा के चुनाव में अगर हमारी समस्या का निजात नहीं हुआ तो हम सभी आगामी लोकसभा मतदान का बहिष्कार कर सकते हैं। लोगों का कहना है हर बार चुनाव के समय नेता आकर यहां बडे-बडे वादे करते हैं लेकिन चुनाव होने के बाद सब वैसा पुराना ही हो जाता है और समस्यायें जैसे की तैसे रहती हैं। इसी प्रकार ग्राम आमाझोर जो मुहली से 8 किमी की दूरी पर है वहां पर आज भी सडक़ नहीं हैं। सरसा ग्राम से ही होकर आमाझोर के लिए गुजरना पड़ता है आमझोर के निवासियों को ग्राम पंचायत मुहली धरमपुरा तक रोड न होने से ऊबड़-खाबड़ रास्ता का सामना कर मोटर साइकिल पैदल कोटा राशन लेने आना पड़ता है और बीमार होने पर कल्दा उपस्वस्थ केंद्र या सलेहा आने में असमर्थता होती है जिससे स्थानीय निवासियों में आक्रोश व्याप्त है। ग्राम फुंदवानी भी है जो ग्राम धरमपुरा मुख्यालय से 20 किमी की दूरी पर बसा है जहां पर आने-जाने के लिए कोई साधन नहीं हैं।
यहां के निवासियों को सतना जिला के ग्राम पिपरिया या आलमपुर से होकर जाना पडता है जो ८ किमी दूर है। यहां सडक के नाम पर केवल एक ढर्रा है। फुंदवानी ग्राम के लोगों को पंचायत मुख्यालय तक आने में बहुत कड़ी मशक्कत कर खाद्यान्न और अन्य कार्यों के लिए आना पड़ता है जिससे स्थानीय आदिवासी समुदाय का कहना है कि हम गरीबों की आवाज को कोई सुनने वाला नहीं हैं। जब इस संवाददाता आशू सेन ने लोगों से बात की तो लोगों ने गुस्सा भरे लिहजे में कहा की हमारी कोई नहीं सुनता है। हमारे द्वारा कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से विधायक व सांसद से मांग की लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। इस बार भी यदि यही हाल रहा तो हम लोकसभा चुनाव का पूर्णरूप से बहिष्कार करेंगे।
इनका कहना है
अब बहुत निवेदन कर लिया अबकी बार सडक, बिजली नहीं तो लोकसभा में वोट नहीं। आदिवासियों को सिर्फ चुनाव में ही मान-सम्मान का दिखावा राजनैतिक पर्टियां करतीं हैं। अब हम इस लोकसभा चुनाव में मतदान का पूर्ण बहिष्कार करेंगे।
पुष्पेन्द्र सिंह
निवासी ग्राम सरसा
ग्राम आमाझौर के निवासी नरकीय जीवन जीने को विवश है हम सभी ग्रामवासी जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
कल्लू सिंह, उपसरपंच मुहली धरमपुरा
मैंने बहुत प्रयास किया लेकिन सरसा, फुंदवानी ग्राम में आज भी बिजली व सडक नहीं हैं जो बहुत दुख की बात है। मैं स्थानीय जनता के साथ हूं। मैं समाजसेवी होने के नाते सरकार से निवेदन करता हूं कि सरसा, आमाझौर, फुंदवानी ग्रामों में बिजली रोड की व्यवस्था तुरंत किया जाना चाहिए अगर स्थानीय जनता वोट का बहिष्कार करेगी और धरना-प्रदर्शन में मैं उनका साथ दूंगा।
अवसर सिंह श्याम
भाजपा मण्डल उपाध्यक्ष मंडल कल्दा
मैं दो बार जनपद पंचायत का सदस्य रह चुका हूं मैं स्थानीय जनता की मांगों का पूर्ण समर्थन करता हूं। आजादी के ७० वर्ष गुजर जाने के बाद भी सरसा, फुंदवानी, आमाझौर के निवासी रोड, बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीणों सहित मेरे द्वारा कई बार इस संबध में मुद्दा उठाया गया परंतु आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। अगर अब भी मांगे पूरी नहीं हुई तो ग्रामीणों के साथ मैं भी लोकसभा चुनाव के मतदान का बहिष्कार करूंगा।
सुखदेव सिंह, पूर्व जनपद पंचायत सदस्य
आपके द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है मैं मौके पर जाकर इसे देखूंगा। इसके बाद जो यथासंभव किया जा सकेगा वह निश्चित तौर पर किया जायेगा।
अखिलेश उपाध्याय
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पवई जिला पन्ना