पन्ना: केन-बेतवा लिंक परियोजना के विरोध में ग्रामीणों ने किया जल सत्याग्रह
डिजिटल डेस्क, पन्ना। प्रस्तावित केन-बेतवा लिंक परियोजना से प्रभावित पन्ना और छतरपुर जिले के 25 ग्रामों के हजारों किसानों ने दिनांक ०५ अक्टूबर को परियोजना में सरकार की मनमानी व अपने संवैधानिक अधिकारों की हत्या के खिलाफ जल सत्याग्रह किया। इसमें बड़ी संख्या में आदिवासी व महिलाएं शामिल रहे। छतरपुर व पन्ना जिले के सभी 22 गांव के प्रभावित हजारों किसानों ने समाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर के नेतृत्व में परियोजना के मुख्य बांध का जहां निर्माण होना है ठीक उसी जगह पर जल सत्याग्रह किया। आंदोलन के नेतृत्वकर्ता श्री भटनागर ने बताया कि उक्त परियोजना में पहले 22 गांव थे अभी इसमें तीन गांवों और जुड़ गए हैं अब प्रभावित ग्रामों की संख्या 25 हो गई है। परियोजना में 25 गांव के 25 हजार के लगभग लोगों का जीवन सरकार की मनमानी के चलते अंधकारमय होने जा रहा है। ग्रामीणों को परियोजना संबंधी कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है। उनका कहना है कि जब तक पुनर्वास नहीं हो जाता किसी भी परियोजना का शिलान्यास करना मानवीय दृष्टि से ही नहीं है व कानून की दृष्टि से भी अनुचित है। जल सत्याग्रह में शामिल किसानों ने प्रधानमंत्री से जब तक किसानों को न्याय नहीं मिल जाता तब तक उक्त परियोजना का शिलान्यास न करने की अपील की है। सरकार की मनमानी से 22 गांव के किसानों ने महापंचायत कर वोट बन्दी, चूल्हा बन्दी, ग्राम बन्दी जैसे कठोर कदम उठाने की चेतावनी भी दी है।
मुख्यमंत्री से मिलेंगे पीडित किसान
अमित भटनागर का कहना है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान परियोजना में हो रहे लाभों के बारे में तो बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं परंतु परियोजना में उनकी सरकार द्वारा आदिवासियों पर, किसानों व महिलाओं पर जो अत्याचार किया जा रहे हैं उसकी तरफ ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है। दिनांक 6 अक्टूबर बुधवार को मुख्यमंत्री बिजावर के जटाशंकर आ रहे हैं। उनके द्वारा प्रशासन व मुख्यमंत्री से मिलकर एक ज्ञापन सौंपने की मांग रखी गई है। गौरतलब है कि केन-बेतवा लिंक परियोजना केंद्र सरकार की एक अति महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री द्वारा कई बार करने की घोषणा तो की गई परंतु किसानों के आक्रोश 52 के तीव्र आंदोलन के कारण सरकार को हर बार बैक फुट पर आना पड़ा।
यह रहे जल सत्याग्रह में शामिल
जल सत्याग्रह व महापंचायत में सामाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर, भुवन विक्रम सिंह केसु राजा, भगवान सिंह सरपंच सुकवाहा, चतुर सिंह उपसरपंच सुकवाहा, समीक्षा पुष्पेन्द्र सिंह जनपद सदस्य सुकवाहा, सावित्री जगन्नाथ यादव सरपंच पलकौहा, मुना नत्थू रैकवार उपसरपंच पलकौहा, प्रभु यादव उपसरपंच ढोडन, हरदयाल लोधी सरपंच कदवारा, चंदू अहिरवार उपसरपंच कदवारा, रतिराम अहिरवार सरपंच खरयानी, भगवानदास आदिवासी जनपद सदस्य ककरा नरौली, करन सिंह, ब्रजेंद्र मिश्रा, महेश विश्वकर्मा, दसरथ रैकवार, ज्ञासी रैकवार, चूरा अहिरवार, वृंदावन पाल, तुलसी आदिवासी, अयोध्या शुक्ला, बब्बू सिंह यादव, पवन यादव, इमरत लाल अहिरवार, कोमल कुशवाहा, शीला, राखी विश्वकर्मा, कमली, सुनती, बबली, प्रभाए कला, काशी, हरबाई, शीतल, बैनीबाई, भूरि, रमकी, सुनना, प्यारी, गौरीबाई, लक्षमी, यशोदा, पुनिया, खुममी, तारा, बिमला, गुलाबबाई, कट्टू सहित बड़ी संख्या में हजारों महिला व पुरुष सहभागी रहे।