पन्ना: अवैध हीरा खदानों से बृहस्पति कुण्ड की सुरक्षा खतरे में, पन्ना तथा सतना के अधिपत्य क्षेत्र में बाघिन नदी में स्थित है बृहस्पति कुण्ड

  • अवैध हीरा खदानों से बृहस्पति कुण्ड की सुरक्षा खतरे में
  • पन्ना तथा सतना के अधिपत्य क्षेत्र में बाघिन नदी में स्थित है बृहस्पति कुण्ड

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-13 04:22 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। लंबे अरसे बाद गत दिवस सतना जिले के वन विभाग द्वारा अपनी सीमा क्षेत्र स्थित बृहस्पति कुण्ड में अवैध रूप से संचालित हीरा खदानों को लेकर कार्यवाही की गई। बृहस्पति कुण्ड से लगभग दो किलोमीटर दूर बाघिन नदी में अवैध रूप से खोदी गई हीरा खदानो के चलते उत्खननकर्ताओ द्वारा बृहस्पति कुण्ड में मौजूद विशाल वृक्षों हजारो साल पुरानी प्राकृतिक चट्टानो को नेस्तनाबूद किया जा चुका है। यह सिलसिला सतना वन विभाग की एक बार की गई कार्यवाही से रूक जायेगा ऐसा कहना और मानना बेइमानी होगी जब तक बृहस्पति कुण्ड की सुरक्षा के लिए पन्ना जिला प्रशासन व सतना जिला प्रशासन तथा वन विभाग पन्ना एवं सतना जिला प्रशासन को संयुक्त रूप से सुरक्षा के लिए स्थाई कदम उठाने होगें। कारण यह है कि बृहस्पति कुण्ड पन्ना एवं सतना के आधिपत्य क्षेत्र में बाघिन नदी पर स्थित है जिसका पठारी क्षेत्र अर्थात कुण्ड के ऊपर का जो क्षेत्र है पन्ना राजस्व एवं वन क्षेत्र में स्थित है वहीं पठार राजस्व क्षेत्र से करीब ४०० से ५०० फिट नीचे बृहस्पति कुण्ड है जहां से करीब आगे डेढ किलो मीटर जंगल स्थित नदी क्षेत्र में अवैध रूप हीरा खदानो का संचालन अनवरत रूप से जारी है। अवैध रूप से हीरा खदानो को खोदने के लिए क्षेत्राचंल के मजदूर और खदान खुदवाने उत्खननकर्ता सुबह से पहँुच जाते है यहा पर सैकडो की संख्या में हीरा खदाने खोदी जाती रही है।

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उत्खननकर्ताओ द्वारा हीरो की तलाश के लिए चट्टानो तथा वृक्षों को भी लगातार उजाड़ दिया गया है नीचे तक पहँुचने वाले दुगर्म रास्ते तथा ५०० फिट नीचे गहरी खाई तक नीचे उतर पाना हर किसी की बात नही है किन्तु कई सालो से लगातार खदान खोदने वाले मजदूरों और क्षेत्रीय लोगो को के लिए इस क्षेत्र में खुले तोर हीरे के लिए खदान खोदना आसान हो गया है कारण यह है कि सतना जिले की सीमा खनन होने की बात बताकर जिला प्रशासन एवं जिले का वन विभाग कार्यवाही नही करता वहीं सतना वन विभाग के लिए यहां बृहस्पति कुण्ड तक पहँुचना और गहरी खाई में उतरकर कुण्ड से लेकर दो से तीन किलोमीटर तक हीरा खदानों की जांच करना ही चुनौती भरा कराण है कारण है कि कुण्ड के नीचे पहँुचने पर कार्यवाही के लिए जब अमला पहुंचता है तो कम से कम चालीस से पचास मिनट तक लग जाते है और खतरा भी उन पर बना रहता है उत्खननकर्ताओ को टीम की पहँुचने की जानकारी आसानी से लग जाती है और वे कार्यवाही से बचने के लिए भाग जाने में सफल हो जाते है। इस कठिन चुनौती के लिए जरूरी है कि बृहस्पति कुण्ड और बाघिन नदी को बचाने के लिए स्थाई रूप से सुरक्षा की दृष्टि से संयुक्त रूप से पहल हो बृहस्पति कुण्ड की सुरक्षा को लेकर चितिंत लोगो का मानना है कि वन विभाग सतना व वन विभाग पन्ना की संयुक्त रूप चौकी बनाई जाये जिससे कि अवैध रूप से हीरा उत्खनन करने वाले मजदूरो को बृहस्पति कुण्ड एवं नदी क्षेत्र में नीचे जाने से पूर्व रोका जा सकें।

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प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है बृहस्पति कुण्ड

बृहस्पति कुण्ड जो कि पन्ना से पहाडीखेरा से सात किलोमीटर दूर स्थित है बहने वाली बाघिन नदी यहां पर लगभग ५०० फिट नीचे शेहे में गिरती है जिससे कि मानसून के दौरान यहां पर अदभुत जल प्रपात बनता है जो कि पर्यटन की दृष्टि से पन्ना जिले के साथ प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है वर्तमान में कुण्ड के नीचे तक पहँुचना चुनौतियों से भरा हुआ है इसी वजह से बृहस्पति कुण्ड को पर्यटन के क्षेत्र विश्व स्तर पर पहचान मिले इसके लिए मध्य प्रदेश शासन पर्यटन विभाग द्वारा बृहस्पति कुण्ड ग्लास ब्रिज बनाने के लिए जाने की योजना पर काम किया जा रहा है। बृहस्पति कुण्ड को बढाने के लिए वर्तमान समय में ७ करोड से भी अधिक के कार्य शासन द्वारा स्वीकृत किए गए है ऐसे में बृहस्पति कुण्ड सुरक्षा अत्याधिक महत्वपूर्ण हो जाती है बृहस्पति कुण्ड में देवगुरू बृहस्पति जी का आश्रम है और यह स्थान मर्यादा पुरूषोत्म भगवान श्री राम वन गमन पथ मार्गाे में सम्मलित मार्गाे का स्थल है बृहस्पति कुण्ड की प्राचीन गुफाए और इन गुफाओ में बनी रॉक पेटिंग अद्वितीय धरोहर है

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इनका कहना है

बृहस्पति कुण्ड एवं बाघिन नदी का तटक्षेत्र हमारे सतना जिले के वनमण्डल क्षेत्र में स्थित है यहां पर हीरा खदानो को खोदे जाने की जानकारी मिलने पर हमारे द्वारा कार्यवाही की गई। कुण्ड के ऊपरी पठार का हिस्सा पन्ना जिले की सीमा का क्षेत्र है और हमे यहां तक पहँुचने के लिए पन्ना जिले के सीमा में जाकर कार्यवाही करनी पडती है बडै पैमाने पर हीरा खदाने खोदी गई है इससे सुरक्षित करने के लिए वनमण्डल पन्ना तथा सतना वनमण्डल को मिलकर पहल करनी होगी बेहतर हो कि पन्ना की सीमा क्षेत्र से लोग आते है जहां पर कुण्ड के नीचे से जाने से पहले रोके जाने की व्यवस्था हो जाये तो उत्खनन को रोका जा सके

अभिषेक तिवारी

एसडीओ वन विभाग सतना

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