जल गंगा संवद्र्धन अभियान: पहाडीखेरा में प्राचीन चौपड़े की बदली सूरत, पंचायत ने करवाया जीर्णाेद्धार, पत्थरों में बनी नक्काशी को सहेज कर पुन: लगाया गया
- पहाडीखेरा में प्राचीन चौपड़े की बदली सूरत
- पंचायत ने करवाया जीर्णाेद्धार
- पत्थरों में बनी नक्काशी को सहेज कर पुन: लगाया गया
डिजिटल डेस्क, पहाडीेखेरा नि.प्र.। जल ही जीवन है और इसे सहेजने की जरूरत है जल संरक्षण के उद्देश्य से प्रदेश सरकार के निर्देश पर पन्ना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जल संरक्षण के लिए स्वीकृत किए गए कार्याे के सार्थक परिणाम निकलकर सामने आए है। अभियान के अंतर्गत कुंओं और बावडिय़ों की साफ-सफाई और जीर्णोद्धार के किए गए कार्याे से कुंओ बावडिय़ों और चौपड़ो का पानी जिसमें गंदगी की वजह से उपयोग नही होता था उसमें अब निर्मल जल बरसात होने के साथ ही भर गया है। वहीं अभियान अंतर्गत किए गए कार्याे से विलुप्त होने की कागार में पहुंच चुकी बावडियों, कूपों व चौपड़ो का जीर्णाेद्धार होने की वजह से संरक्षण हुआ है। जिले की जनपद पंचायत पन्ना अंतर्गत ग्राम पंचायत पहाडीखेरा में जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत पंचायत द्वारा सैकडों साल पुराने चौपड़े का जीर्णाेद्धार कार्य करवाया गया जिससे की प्राचीन चौपड़े न केवल पूरी तरह से सुरक्षित हो गया बल्कि चौपड़े का पानी साफ-स्वच्छ होने से लोग उसका प्रयोग कर सकते है इसके साथ ही अवगत हो कि पहाडीखेरा ग्राम में सैकड़ो साल पुराने चौपड़े की देखरेख एवं रखरखाव नहीं होने से स्थिति यह हो गई कि चौपड़े के पत्थर धसक गए और सालो से कचरा जमा होने की वजह से चौपड़ा विलुप्त स्थिति में पहुंच गया था।
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स्थानीय लोगों द्वारा चौपड़ा कैसा बना है कितना खूबसूरत है इसको लेकर अनिभिज्ञ थे हालांकि बुजुर्गाे से मिली जानकारी के चलते चौपड़े की बनावट और उसकी खूबसूरती को लेकर लोगों के बीच अक्सर चर्चा होती थी जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत जब जलीय स्त्रोतों के संरक्षण और जीर्णाेद्धार के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से जब निर्देश आए तो ग्राम पंचायत पहाडीखेरा द्वारा प्राचीन चौपड़े को जीर्णाेद्धार कर उसे संरक्षित किए जाने का फैसला लिया गया और प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति तथा तकनीकी स्वीकृति की कार्यवाही करते हुए चौपड़े के जीर्णाेद्धा का कार्य शुरू किया गया जिसमें चौपड़े के अंदर जब सफाई की तो चौपड़े के अंदर दरवाजे और खिड़कियों के आकृतियों के साथ उसमें लगा गये पत्थरो के साथ सुन्दर नक्काशी का लुभावना रूप सामने आया जिससे उत्साहित पंचायत द्वारा चौपड़े को पुराने रूप में संरक्षित करते हुए सावधानी के साथ जीर्णाेद्धार का कार्य करवाया गया। कुछ एक आकृतिक के साथ की गई नक्काशियां जो टूट गई थी उसे भी सुरक्षित कर लगवाया गया। बताया जा रहा है कि अब थोड़ा बहुत ही कार्य शेष बचा है चौपडे में पानी भर जाने से बचा हुआ कार्य अगले सत्र में पूर्ण करवा लिया जायेगा। पंचायत द्वारा कराये गए कार्य के बाद गांव के चौपड़े की खूबसूरती जो कि लोगो ने अपने बुजुर्गाे से सुनी थी देखने के लिए लोग पहुंच रहे है और पंचायत की काम की सराहना कर रहे है।
इनका कहना है
चौपडा काफी प्राचीन व खूबसूरत है जीर्णोद्धार के बाद गांव के लोग पुरानी नक्काशी को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। चौपडे का स्थान और सुंदर एवं आकर्षक हो इसके लिए भी पंचायत द्वारा योजना बनाई जा रही है। चौपडे के आसपास वृक्षारोपण का कार्य किया जायेगा साथ ही साथ जो काम शेष रह गया है उसे भी पूरा कराया जायेगा।
श्रीमती संगीता मिश्रा, सरपंच ग्राम पंचायत पहाडीखेरा