बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़: बिना मान्यता के हाई स्कूल कक्षाओं का संचालन, पुरूषोत्तमपुर के द मिशन एजुकेशन स्कूल में व्यापक अनियमितताएं
- बिना मान्यता के हाई स्कूल कक्षाओं का संचालन
- बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड
- शहर में शिक्षा माफियाओं पर अंकुश लगाने में नाकाम शिक्षा विभाग
डिजिटल डेस्क, पन्ना। बेहतर शिक्षा की आस में अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलां में पढाने वाले अभिभावकों को जब पता चलता है कि उनके बच्चे जहां पढने जाते हैं वह स्कूल उनका भविष्य संवारने की जगह भविष्य से खिलवाड कर रहा है तो उनके पास पछतावे के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीतना के चलते आज भी ऐसे शिक्षण संस्थान देखने को मिल जाते हैं। जहां नियमों को ताक पर रखकर मनमानी की जा रही है। इसी तरह शहर के वार्ड क्रमांक 27 पुरूषोत्तमपुर में स्थित द मिशन एजुकेशन स्कूल में गंभीर अनियमितताओंं का मामला सामने आया है। यह स्कूल बिना मान्यता के हाई स्कूल कक्षाओं का संचालन कर रहा है। जिससे बच्चों के भविष्य के साथ खुलेआम खिलवाड हो रहा है। द मिशन एजुकेशन स्कूल को माध्यमिक शाला यानि नर्सरी से 8वीं कक्षा तक की पढाई कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा मान्यता प्राप्त है लेकिन विद्यालय में नर्सरी से 10 वीं तक की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।
जब इस संबंध में स्कूल के संचालक नीतेश पटेल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्कूल में 9वीं और 10वीं की कक्षाएं कोचिंग के रूप में संचालित हो रही हैं। विदित हो कि स्कूल समय में कोचिंग का कोई प्रावधान नहीं होता। कोचिंग के नाम पर अन्य स्कूलों में इन बच्चों का नाम दर्ज कर दिया जाता है और फिर वहां से इन्हें बोर्ड परीक्षाओं में शामिल किया जाता है। शिक्षा का धंधा करने वाले लोगों के लिए यह आम है और यह तरीका बच्चों के भविष्य के साथ गंभीर खिलवाड है। इसी तरह के मामलों में जिले में शिक्षा विभाग द्वारा आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराया गया था बावजूद इसके शिक्षा का धंधा करने वालों में कोई डर नहीं है। खुलेआम कोचिंग के नाम पर हाई स्कूल संचालित हो रहा है। गौरतलब है कि स्कूल के बोर्ड पर न तो माध्यमिक शाला दर्ज है और न ही हाई स्कूल सिर्फ द मिशन एजुकेशन स्कूल लिखा गया है। यह सीधे तौर पर लोगों को गुमराह करने के लिए किया गया है।
माध्यमिक शाला स्तर की भी नहीं हैं व्यवस्थाएं
इस स्कूल में हाई स्कूल तो दूर व्यवस्थाएं भी माध्यमिक शाला स्तर की नहीं हैं। करीब 1200 वर्ग फुट के भवन में स्कूल की संपूर्ण गतिविधियां संचालित हो रही हैं। खेल मैदान के नाम पर स्कूल का आंगन ही है जो बच्चों के शारीरिक विकास के लिए नाकाफी है। यह सभी अनियमितताएं और खामियां शिक्षा विभाग की नजरों से अछूती रही हैं। यहां आरटीई कानून का खुला उल्लंघन हो रहा है बावजूद इसके आज तक स्कूल प्रबंधन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। यह शिक्षा विभाग की लापरवाही को उजागर करता है और बच्चों के भविष्य के प्रति उनकी उदासीनता को दिखाता है।
अभिभावकों में प्रबंधन को लेकर रोष
स्थानीय लोगों और अभिभावकों में इस मामले को लेकर गहरा रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि बच्चों के भविष्य के साथ इस तरह का खिलवाड बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने शिक्षा विभाग से तत्काल कार्यवाही की मांग की है। जिससे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सके और स्कूल प्रबंधन को उसकी गलती का एहसास हो सके। इस मामले में प्रशासन से सख्त कार्यवाही की मांग की जा रही है। स्थानीय नागरिकों और अभिभावकों का कहना है कि इस मामले की गहन जांच करें और दोषियों को कडी सजा दें जिससे भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। शहर के वार्ड क्रमांक 27 पुरूषोत्तमपुर में स्थित द मिशन एजुकेशन स्कूल की यह अनियमितताएं न केवल शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती हैं बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ किए जा रहे खिलवाड को भी सामने लाती हैं। प्रशासन को इस मामले में त्वरित और सख्त कार्यवाही करते हुए बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
इनका कहना है
मुझे इस संबंध में अभी जानकारी नहीं है। बिना मान्यता के यदि हाई स्कूल की कक्षाओं का संचालन हो रहा है तो इस पर कार्यवाही की जायेगी। मैं वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराउंगा।
अमित जैन, सहायक संचालक शिक्षा विभाग पन्ना