पन्ना: श्री जुगल किशोर जी मंदिर में लगा आरओ वाटर प्लान्ट बंद, श्रद्धालुओं को नहीं मिल पा रहा है शुद्ध और शीतल पेयजल
- श्री जुगल किशोर जी मंदिर में लगा आरओ वाटर प्लान्ट बंद
- श्रद्धालुओं को नहीं मिल पा रहा है शुद्ध और शीतल पेयजल
डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना मेंं स्थित श्री जुगल किशोर जी मंदिर बुंदेलखण्ड के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बिन्दु है। जुगल किशोर जी सरकार के दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में बुंदेलखण्ड ही नहीं देश के अलग-अलग स्थानों से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहँुचते है। साथ ही साथ नगरवासी एवं आसपास के क्षेत्रो के भी श्रद्धालु नियमित रूप से दर्शन के लिए पहँुचते हैं। जुगल किशोर सरकार की इस महिमा और ख्याती को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पन्ना में जुगल किशोर लोक के निर्माण की कार्य योजना को मंजूरी दी गई है परंतु इन सब के बीच मंदिर की सुविधाओं और व्यवस्थाओं को लेकर जिम्मेदारों की उदासीनता भी देखी जा रही है। जुगल किशोर लोक के निर्माण कार्याे की अभी तक शुरूआत नहीं हो सकी है। वहीं मंदिर में पहँुचाने वाले श्रद्धालुओं को बुनियादी समस्याओं का भी सामना करना पड रहा है।
पन्ना स्थित श्री जुगल किशोर जी मंदिर की वर्तमान स्थिति यह हो गई है जहां हजारो की संख्या में श्रद्धालुगण मंदिर में प्रतिदिन दर्शन के लिए पहँुचते है वहीं उनके लिए शुद्ध एवं शीतल पेयजल की व्यवस्था भी नहीं हैं जबकि मंदिर में लगभग ०७ लाख रूपए की लागत से हीरा खनन परियोजना एनएमडीसी मझगवां द्वारा अत्याधुनिक आरओ प्लान्ट अपने सीएसआर मद से करीब तीन साल पूर्व प्रदान करते हुए मंदिर में स्थापित कराते हुए मंदिर प्रबंधन को सांैपा गया था जिससे श्रद्धालुओं को शुद्ध एवं शीतल पेयजल की व्यवस्था हुई थी किन्तु मंदिर प्रबंधन द्वारा आरओ प्लान्ट के रखखाव एवं संधारण को लेकर उचित प्रबंधन नहीं किए जिसके चलते लाखों रूपए की लागत से लगाए गए आरओ प्लान्ट काफी लंबे समय से ठप्प पडा हुआ है और स्थिति यह है कि मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालु प्यास लगने पर बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे है स्थिति यह है कि आरो प्लान्ट से जो नल की जो टोटियां थी उनमें कुछ टोटियां भी टूट चुकी है जो लगी है उसके पाइप हिल रहे हैं। आरओ प्लान्ट के बंद होने से न तो पानी फिल्टर हो रहा है और न ही ठण्डा हो रहा है ऐसे में सीधे टंकी का पानी ही नल में जो टोटी लगी हुई है बूंद-बूंदकर टोटियों से गर्म निकल रहा है और इसके चलते इस पानी को श्रद्धालु पी भी नहीं पा रहे हैं। आरओ प्लान्ट का रखरखाव और देखरेख नहीं होने की वजह से प्लान्ट के अंदर गंदगी एवं कचरा भरा पडा हुआ है जिससे साफ जाहिर है कि लंबे समय से साफ-सफाई तक नहीं की गई है। जहां पर आरओ प्लान्ट लगाया गया है वहीं पर पूर्व में एक वाटर कूलर भी लगा हुआ था जिसके शीतल पानी का उपयोग लोग उस समय करते थे वह गायब हो गया अथवा कहां है इसका भी पता नहीं हैं।
जब चालू था तो कैनों में भरकर ठण्डा पानी ले जाते थे लोग
एनएमडीसी द्वारा मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के शीतल पेयजल की व्यवस्था के लिए प्रशासन के सुझाव पर मंदिर परिसर में आरओ प्लाण्ट लगवाया गया था किन्तु आरओ प्लाण्ट लगने के बाद इसकी सुरक्षा और पानी के दुरूपयोग रोकने को लेकर प्रबंधन की ओर से सुरक्षित व्यवस्था नहीं की गई। मंदिर के समीप रहने वाले एक स्थानीय श्रद्धालु ने बातचीत के दौरान बताया कि आरओ प्लाण्ट से पूरी तरह से शुद्ध पेयजल तैयार होता है। जिसमें ठण्डा एवं नार्मल वाटर टोटियों से अलग-अलग निकलता है प्लाण्ट लगने के बाद साफ-स्वच्छ ठण्डे पानी के आरओ प्लाण्ट से मिलने लगा तो स्थिति यह हो गई कि आसपास क्षेत्र के रहने वाले लोग, दुकानदार आरओ प्लाण्ट का दुरूपयोग करते हुए कैनों और बडी-बडी बाटलों से यहां से पानी ले जाने लगे थे और इस तरह के दुरूपयोग के दौरान नलों की टोटियां टूट गई और पाइप तक निकल गए।