पन्ना: स्टॉफ नर्सों के भरोसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ककरहटी
- स्टॉफ नर्सों के भरोसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ककरहटी
- डॉक्टर की बात तो दूर कम्पाउडर, ड्रेसर वार्डवॉय भी नहीं
डिजिटल डेस्क, ककरहटी नि.प्र.। करीब ४० पूर्व प्रारंभ हुआ ककरहटी का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र चिकित्सीय व्यवस्थाओ एवं बुनियादी आवश्यकताओ की व्यवस्थायें नही होने की वजह से मरीजो के स्वास्थ्य उपचार के मामले में नाम मात्र तक ही सीमित होकर भी रह गया है। स्वास्थ्य केन्द्र की दुर्दशा की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अस्पताल में डॉक्टर के पदस्थ होने की बात तो बडे दूर की बात होकर रह गई है यहां पर कंपाउडर ड्रेसर वार्डवाय ही काम करने के लिए नही है ककरहटी का प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भृत्य द्वारा दरवाजा खोलने के बाद यहां पदस्थ स्टॉफ नर्साे के भरोसे से ही संचालित हो रहा है जिसके चलते नगर परिषद ककरहटी सहित आसपास के दर्जनों गांव के वांशिदे स्वास्थ्य केन्द्र के माध्यम से मिलने वाली जांच उपचार और सेवाओ से दूर हो जाने के लिए मजबूर है और बीमार होनी की उपस्थिति में तत्कालीक उपचार व जांच करवाने के लिए नीम हकीम झोलछाप डॉक्टरो पर निर्भर होना पड रहा है और इनके द्वारा गलत उपचार की वजह से मरीजो की जिदंगी पर खतरा बना रहता है।
यह भी पढ़े -ऑस्ट्रेलियाई ओपन के क्वार्टर फाइनल में बोपन्ना-एब्डेन की जोड़ी
समय-समय पर अस्पताल में चिकित्सक की पदस्थापना को लेकर जब क्षेत्रीय जनो द्वारा लगातार आवाज उठाई जाती है तब अस्थाई व्यवस्था के रूप में किसी चिकित्साक को सेवायें देने के लिए ककरहटी स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में संलग्न किए जाने का आदेश स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा जारी कर उपजने वाले असंतोष को शांत कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली जाती है और इस तरह के चिकित्सक जो संलग्न होत है वह कुछ दिन तक अनियमित रूप से अपने उपस्थिति दर्ज कराने तक ही सीमिति रहे है और कुछ माह के अंतराल में उनकी अस्पताल की सेवायें भी अन्यत्र स्थानंतरित हो जाती है समाज सेवी कैलाश त्रिपाठी ने बताया कि इसको लेकर जब उनके द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से बातचीत की गई तो उनसे यही जबाव मिला कि डॉक्टरो की कमी है बीएमओ से बात कीजिए इस तरह से जिम्मेदार अधिकारी ककरहटी स्वास्थ्य केन्द्र की उपेक्षित स्थिति को लेकर पल्ला झाड रहे है। समाज सेवी कैलाश त्रिपाठी का कहना है कि जिला प्रशासन एवं जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों से क्षेत्र की जनता की अपेक्षा है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियमित रूप से चिकित्सक और आवश्यक स्टॉफ की पदस्थापना की जाये अन्यथा मजबूर होकर क्षेत्रवासी बडा आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जायेगें।
यह भी पढ़े -विद्यालय में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व आयोजित हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम