सड़क नही होने से घर में हुई डिलेवरी: टाइगर रिजर्व के ग्राम कोटा गुंजापुर में प्रसूता एवं नवजात की मौत, तड़प-तड़पकर तोड़ा दम

  • टाइगर रिजर्व के ग्राम कोटा गुंजापुर में प्रसूता एवं नवजात की मौत
  • सडक़ नही होने से घर में हुई डिलेवरी,तड़प-तड़पकर तोड़ा दम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-31 09:54 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना जिले में मातृ शिशु मृत्यु दर की स्थिति नाजुक बनी हुई है। एक ओर जहां जिले में प्रसूता महिलाओ और बच्चो को तक समय पर स्वास्थ्य सेवायें नही पहुंच पा रही है वहीं जिले के वन क्षेत्रो में स्थित गांव बसाहटों का दुर्गम होने की वजह से जननी एक्प्रेस वाहन नही पहुंच पाते और ऐसे में कई महिलाओ की डिलेवरी घरो में ही हो रही है और हालत बिगडऩे पर अथवा प्र्रकरण गंभीर होने की स्थिति में जच्चा-बच्चा की मौत के मामले सामने आ रहे है। गत दिनांक २९ अगस्त को पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत जरधोवा के ग्राम कोटागुंजापुर में लगभग २२ वर्षीय प्रसूता महिला और उसके बच्चे की दुखद मौत हो जाने की घटना सामने आई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रसूता महिला श्रीमती नंदरानी आदिवासी पति इन्द्रपाल आदिवासी निवासी ग्राम रामनगर करीब तीन दिन पूर्व अपने पिता गरीबा आदिवासी के यहां आई हुई थी। दिनांक २९ अगस्त को रात्रि में प्रसूता नंदरानी की प्रसव वेदना तेजी के साथ बढ़ गई।

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प्रसव वेदना के साथ महिला की हालत बिगडऩे लगी परिजनो द्वारा ग्राम जरधोवा में आशाकार्यकर्ता को फोन लगाकर मदद के लिए सम्पर्क करने का प्रयास किया गया परंतु आशाकार्यकर्ता का को लगाया गया फोन रिसीव नही हुआ और रात में करीब १० बजे प्रसव वेदना के असहनीय कष्ट से तड़पती प्रसूता ने नवजात बच्ची को जन्म दिया किन्तु प्रसव की प्रक्रिया इतनी कष्टदायी रही कि जन्म देने के कुछ समय बाद ही माँ नंद रानी और फिर उसके नवजात बच्ची की मौत हो गई। स्थानीय लोगो का कहना है कि ग्राम कोटागुंजापुर तक अकोला से दो किलोमीटर मुरमीकरण वाली सडक़ बनी हुई थी जिससे टाइगर रिजर्व द्वारा बंद कर दिया गया जिससे गांव तक वाहन नही पहुंच सकते और जननी एक्प्रेस भी गांव तक नही पहुंचती दूसरा जो अस्थाई रास्ता है वह पगडंडियों वाला है साथ ही साथ वन क्षेत्र से गुजरा हुआ है जिसके चलते वाहनो का पहुंचना संभव नही है और लगभग पांच किलोमीटर दूर अकोला तक किसी भी बीमार व्यक्ति को ले जाना असंभव है और इसके चलते अक्सर यह होता है कि गांव की प्रसूता महिलायें डिलेवरी की स्थिति में अस्पताल तक नही पहुंचत पाती और अप्रिय घटना हो जाती है। गांव तक वाहन नही पहुंचने के चलते १०८ जननी एक्प्रेस में भी फोन लगाने का कोई मतलब नही रह जाता है। घटना के बाद आज दूसरे दिन मृतिका के ससुराल पक्ष के लोग मृतिका तथा नवजात मृत बच्ची को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले गए।

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घटना को लेकर ग्रामीणो ने जताई नाराजगी

कोटागुंजापुर गांव में प्रसूता महिला एवं उसकी नवजात बच्ची की डिलेवरी के बाद ही मौत हो जाने से दुखित एवं नाराज ग्रामीणों द्वारा आज गाँव में ही एकत्र होकर अपनी नाराजगी प्रदर्शित की और पन्ना टाइगर रिजर्व के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए इसका एक वीडियो सोशल मीडिया में साझा किया गयाव्। ग्रामीणो कहना है कि अकोला से कोटागुंजापुर तक जो पुराना रास्ता बना हुआ था उसे टाइगर रिजर्व द्वारा बंद कर दिया गया है। जिससे गांव तक वाहन नही पहुंचते साथ ही साथ दूरी दो किलोमीटर से बढकर पांच किलोमीटर दूर हो गई है।

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