Panna News: डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया से रहें सावधान: डॉ.एस.के. त्रिपाठी

  • एडवाईजरी जारी करते हुए बताया गया
  • डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया से रहें सावधान: डॉ.एस.के. त्रिपाठी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-16 07:56 GMT

Panna News: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.के. त्रिपाठी द्वारा एडवाईजरी जारी करते हुए बताया गया कि मच्छर से फैलने वाले वाहक जनित रोग-मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों से सुरक्षा के लिए मच्छरों से बचाव व नियंत्रण हेतु जनभागीदारी व जनजाग्रति का होना आवश्यक है। वर्षाकाल में जगह-जगह पानी इकटठा हो जाने से उनमें मच्छरों की उत्पत्ति व वृद्धि होती है। ये मच्छर रोगी व्यक्ति को काटने पर संक्रमित हो जाते हैं व इन संक्रमित मच्छर के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, रोग का प्रसार होता है। मलेरिया बुखार से ग्रसित रोगियों को ठंड लगकर बुखार आना, सिरदर्द, भूख न लगना, सामान्य लक्षण है। डेंगू बुखार में 104 डिग्री से अधिक तेज बुखार, शरीर पर लाल चिकत्ते, माशपेशियों एवं जोड़ो में दर्द, आंखे घुमाने में दर्द शुरुआत की दशा सामान्य लक्षण है। गंभ्भीर स्थिति में मुह, नाक और आंतो से खून आना, पेट दर्द, उल्टी होना और आंखो में खून उतरना, प्लेटलेट्स में अत्यधिक गिरावट होना जैसे लक्षण होते हैं। चिकुनगुनिया बुखार में उंगलियों और हाथ-पैर के जोड़ों में तेज दर्द, सिर दर्द, हल्का बुखार बना रहना, त्वचा में चिकत्ते होना सामान्य लक्षण है।

यह भी पढ़े -अंतर्राज्यीय महादंगल का शुभारंभ आज, महिला पहलवानों का भी हो रहा है आगमन

मलेरिया बुखार मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है तथा यह मच्छर रात में अधिक सक्रिय रहता है। डेंगू व चिकुनगुनिया बुखार टाईगर/एडीज मच्छर के काटने से फैेलता है। यह मच्छर दिन में सक्रिय रहता है। बीमारी फैलाने वाले मच्छर घरों में नमी वाले अंधेरे स्थान में विश्राम करते हैं एवं साफ व रूके पानी में पनपते हैं जो कि हमारे घरों में व आसपास पानी से भरे पात्र जैसे- गमले, टंकी, टायर, मटके, कूलर, टूटा-फूटा कबाड़ में भरे पानी, नल, हैण्डपंप व कुएं के आसपास भरे पानी में मच्छर अपने अण्डे देते हैं व 7 से 12 दिन में अंडे से मच्छर बनने का जीवनचक्र पूर्ण हो जाता है। अत: पानी से भरे बर्तन, टंकियों आदि का पानी सप्ताह में अवश्य बदलते रहें व कुएं, हैण्डपंप, नल के आसपास पानी इक_ा न होने दें उन्हें मिट्टी से भराव करायें या पानी की निकासी कराकर मच्छरों कीे उत्पत्ति स्थल को नष्ट करें, व मच्छरों के लार्वा नहीं पनपने दें मच्छरों से बचाव करें। मच्छरों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, पूरे आस्तीन के कपडे पहनें, मच्छर भगाने वाली क्रीम या क्वाइल का उपयोग करें, नीम की पत्ती का धुंआ करें। मलेरिया बुखार की जांच प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र और आशा कार्यकर्ता के पास नि:शुल्क उपलब्ध है।

यह भी पढ़े -अंधे मोड में बाइक और ट्रक की भिडंत, बाइक चालक की युवक की मौत, ट्रक चालक भी हुआ गंभीर रूप से घायल

डेंगू, चिकुनगुनिया की जांच जिला चिकित्सालय पन्ना के साथ-साथ जिला चिकित्सालय सतना, कटनी और मेडीकल कॉलेज-जबलपुर में नि:शुल्क उपलब्ध है। यदि प्रारंभिक अवस्था में पता चल जाता है तब इन बीमारियो का इलाज असानी से हो सकता है। अत: बीमारी के लक्षण दिखने पर शीघ्र स्वास्थ्य केन्द्र में नि:शुल्क जांच करावें तथा चिकित्सक के परामर्श से पूर्ण उपचार लें। वास्तव में इन बीमारियो का बचाव साफ पानी में पैदा होने वाले मच्छरों के लार्वा के नियंत्रण से ही प्रारंभ हो जाता है। आपकी जागरुकता व सहयोग से ही मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव संभव है। क्योंकि साफ पानी सभी के घरों में होता है। डेंगू एक वायरल डिसीज़ है तथा की कोई विशेष उपचार या वैक्सीन नहीं होने के कारण डेंगू रोग की रोकथाम एवं बचाव पर ध्यान देना आवश्यक है।

यह भी पढ़े -जमीनी विवाद को लेकर खूनी संघर्ष, एक दर्जन से अधिक घायल, डायल १०० वाहन तथा १०८ एम्बूलेंस की मदद से घायलों को पहुंचाया गया अस्पताल

Tags:    

Similar News