विदाई समाहरो: इतिहास विभाग के एचओडी डॉ. एस.के. पटेल हुए सेवानिवृत्त, छत्रसाल महाविद्यालय में आयोजित हुआ कार्यक्रम दी गई भावभीनी विदाई

  • इतिहास विभाग के एचओडी डॉ. एस.के. पटेल हुए सेवानिवृत्त
  • छत्रसाल महाविद्यालय में आयोजित हुआ कार्यक्रम दी गई भावभीनी विदाई

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-01 11:10 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। शासकीय छत्रसाल महाविद्यालय पन्ना में इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष के पद पर कार्यरत प्राध्यापक डॉ.एस.के. पटेल आज ३१ अगस्त को अपने पद से सेवानिवृत्त हो गए। विदाई समारोह आज प्राचार्य डॉक्टर सुरेंद्र पाल सिंह परमार की अध्यक्षता एवं पूर्व प्राचार्य डॉ. टी.आर. नायक, डॉ. ए.के. खरे, डॉ. एच.एस. शर्मा तथा जन भागीदारी अध्यक्ष राजेश गौतम के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. पी.पी. मिश्रा, इतिहास विभाग के नये विभागध्यक्ष डॉ. विनय श्रीवास्तव तथा डॉ. जे.के. वर्मा सहित महाविद्यालय के सभी विभागों के प्राध्यापक, सह प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक तथा कार्यालयीन कर्मचारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी स्टाफ सदस्यों ने डॉ. एस.के. पटेल का माल्यार्पण कर स्वागत किया एवं उनको आत्मीय विदाई दी। प्राचार्य एवं वरिष्ठ प्राध्यापकों ने उन्हें शॉल तथा श्रीफल देकर सम्मानित किया।

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डॉ. एस.के. पटेल के जीवन से संबंधित अपने उद्बोधन में आमंत्रित अतिथियों तथा महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों ने उनके कार्यों और उनकी विशिष्ट शैली की प्रशंसा की। डॉ. पटेल ने अपने महाविद्यालय में 42 वर्षों की शासकीय सेवा के दौरान किए गए कार्य एवं अनुभव को साझा किया। उन्होंने अपने सभी पूर्व एवं सहयोगियों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर पूर्व प्राचार्य डॉ. नायक, डॉ. एच.एस. शर्मा, डॉ. ए.के. खरे, जन भागीदारी अध्यक्ष राजेश गौतम, डॉ. पी.पी. मिश्रा, डॉ. विनय श्रीवास्तव, डॉ. मनोरमा गुप्ता, सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. उमा त्रिपाठी, डॉ. वीरेंद्र कुमार दीक्षित, डॉ. एस.एस. राठौर एवं महाविद्यालय के सभी स्टाफ सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किये। डॉ. एस.के. पटेल की पुत्री श्रीमती मनीषा पटेल एवं दामाद उमेश पटेल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र पाल सिंह ने डॉ. पटेल को भावी जीवन के प्रति शुभकामनाएं दीं। उक्त कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन इतिहास विभाग के नवागत अध्यक्ष डॉ. विनय श्रीवास्तव ने किया।

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