पन्ना: देवरी तालाब से दो हजार हेक्टेयर जमीन किसानों की होगी सिंचित
- देवरी तालाब से दो हजार हेक्टेयर जमीन किसानों की होगी सिंचित
- एआईबीपी योजना अंतर्गत जल संसाधन विभाग द्वारा कराया जा रहा है निर्माण कार्य
पन्ना। कृषि विकास को गति देने व किसानों के लिए सिंचाई की योजनाओं का महत्व अत्यंत उच्च है। अंजाने में बहुत से किसान अपने खेतों की सिंचाई के लिए पानी की कमीं के सामने खडे होते हैं, जिससे उनकी उपज को बडा नुकसान होता है। इस समस्या का समाधान करने के लिए तालाब निर्माण की योजनायें आमतौर पर सबसे प्रभावी मानी जाती हैं। किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए पन्ना जनपद अंतर्गत देवरी गांव में जल संसाधन विभाग द्वारा ५४ करोड १५ लाख रूपए की लागत से तालाब का निर्माण कराया जा रहा है जो कि पूर्णता की ओर बढ रहा है तथा इस बारिश के सीजन में हो रहे नवीन तालाब में पानी आने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है। इस तालाब के निर्माण हो जाने से लगभग दो हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। जिससे इस क्षेत्र के किसानों को खेती लाभदायक सिद्ध होगी। हालांकि इसके पूर्व में भी तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार में बुंदेलखण्ड के किसानों की माली हालत सुधारने के लिए विशेष रूप से बुंदेलखण्ड पैकेज के रूप में करोडों रूपए की राशि दी थी।
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जिस राशि से बडे-बडे तालाबों और बांधों का तो निर्माण करवाया गया लेकिन उसमें से अधिकांश बांध पहली ही बारिश में फूट गए तथा उन निर्मित बांधों से जिले के किसानों को लाभ मिलना चाहिए था वह नहीं मिल पाया। जल संसाधन के अधिकारियों के ऊपर बर्खास्तगी के आदेश व निलंबन की कार्यवाही भी हुई। जिसके बाद जिले के जल संसाधन विभाग के अधिकारी फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं व होने वाले निर्माण में कोई अनियमितता न हो। प्राप्त जानकारी के अनुसार ११ जुलाई २०१२ को २९ करोड ९० लाख रूपए की मध्य प्रदेश शासन जल संसाधन विभाग द्वारा एआईबीपी योजना के तहत प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की थी। वहीं विभाग द्वारा पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति ५४ करोड १५ लाख की ३१ मार्च २०१८ को दी गई। पूर्व में इस कार्य को के.डी. सिंह ठेकेदार द्वारा कराया गया लेकिन उनके द्वारा बीच में ही इस कार्य को छोड दिए जाने के कारण ग्लोबल इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। जिसका अनुबंध ७२६.०० लाख का दिनांक ०६ अप्रैल २०२२ को किया गया। इस योजना अंतर्गत चार ग्राम डूब से प्रभावित हो रहे हैं एवं लगभग पांच ग्रामों को सिंचाई का लाभ प्राप्त होगा। योजना पर अभी तक ५२७१.०० लाख खर्च हो चुका है।
३६० कृषकों को मिल चुका है मुआवजा
देवरी तालाब निर्माण में २८० हेक्टेयर जमीन डूब से प्रभावित हुई है। जिन ग्रामों में धनगढ, बराछ, रनवाहा, कुल्हुवा के ३६० कृषकों की कृषि भूमि इसमें आ रही है। उन किसानों को ३५ करोड ६० लाख रूपए मुआवजे के रूप में विभाग द्वारा प्रदान किए जा चुके हैं।
नहर का कराया जा रहा है निर्माण कार्य
इस योजना के अंतर्गत बख्तरी, घटारी, भगेपुर, देवरी के लिए नहर का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें भगेपुर के किसानों को मुआवजा दिए जाने की कार्यवाही चल रही है जो जल्द ही पूरी की जायेगी। शेष तीन गांवों के किसानों को मुआवजा पूर्व में दिया जा चुका है।
खेती के अलावा अन्य के लिए भी होगा उपयोगी
देवरी तालाब बन जाने के बाद किसानों की खेती के अलावा उसके निर्माण के फायदे अनेक हैं पहले तो तालाबों में जमा पानी का उपयोग सिर्फ सिंचाई के लिए ही नहीं होता बल्कि पशुओं के पिलाने, घरेलू उपयोग और पर्यावरणीय उद्यानों के लिए भी उपयोगी होता है। तालाब निर्माण को लेकर इस क्षेत्र के किसान काफी प्रसन्न हैं अब उनके अंदर इस बात की खुशी है कि उनके खेतों तक नहर के माध्यम से पानी पहुंचेगा।
इनका कहना है
नाला क्लोजर का काम हो चुका है, नहर व वेस्ट वियर का काम चल रहा है। इस आने वाली बारिश में पानी का संचय करेंगे।
सतीश शर्मा
कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग पन्ना