पन्ना: आदिवासी महिला की मौत के बाद भी स्वास्थ्य अमला उदासीन, झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से हुई थी मौत

  • आदिवासी महिला की मौत के बाद भी स्वास्थ्य अमला उदासीन
  • झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से हुई थी मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-15 04:51 GMT

डिजिटल डेस्क, रेपुरा नि.प्र.। जिले सहित आंचलिक क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों का मकडजाल फैला हुआ है। ऐसे ही एक झोलाछाप डॉक्टर के इलाज से आदिवासी महिला की मौत के तीसरे दिन आज भी स्वास्थ्य अमला उदासीन बना हुआ है। स्वास्थ्य अमले से कोई भी अधिकारी अपात्र डॉक्टरों पर कार्यवाही के लिए नजर नहीं आ रहा है। यह बताता है कि जिले में इस प्रकार की घटनाओं के बाद भी जिले का स्वास्थ्य अमला कितना सजग है। कस्बे में कुछ लोगों से बात करने पर उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शाहनगर से कुछ चिकित्सक अधिकारी आए हुए थे जिन्होंने झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही तो नहीं की बल्कि वह उनके यहां गए थे अब ऐसे में इस बात से क्या अंदाजा लगाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि प्रकाशरानी आदिवासी जो कि रैपुरा तहसील के लाखन चौरई की निवासी थी एक अपात्र डॉक्टर के इलाज से उनकी 12 जून को मौत हो गई थी। 13 जून को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। थाना प्रभारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि उन्होंने मर्ग कायम कर लिया है एवं विवेचना की जा रही है।

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इनका कहना है

मामला संज्ञान में आया है पूरे मामले की जांच की जाएगी। मैं सीएमएचओ को जांच करने के लिए बोलता हूं।

सुरेश कुमार कलेक्टर पन्ना 

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