पन्ना: आर्यिका विरम्याश्री एवं विसंयोजनाश्री देेवेन्द्रनगर में करेगी चार्तुमास, वर्षा योग का स्थापना कार्यक्रम हुआ आयोजित
- आर्यिका विरम्याश्री एवं विसंयोजनाश्री देेवेन्द्रनगर में करेगी चार्तुमास
- वर्षा योग का स्थापना कार्यक्रम हुआ आयोजित
डिजिटल डेस्क, देवेन्द्रनगर नि.प्र.। जैन मुनि, आर्यिका क्षुल्लक और क्षुल्लिका आदि चतुर्विध संघ वर्षा ऋतु में एक जगह रहने का नियम कर लेते है अन्यत्र विहार नहीं करते जिसे वर्षायोग कहा जाता है। सामान्यत: श्रावण,भाद्रपद आश्विन और कार्तिक चार महिने एक जगह रहना होता है अत: इसे चार्तुमास कहा जाता है। समाधिस्थ गणाचार्य विराग सागर जी की शिष्या आर्यिक विरम्याश्री एवं विसंयोजनाश्री माताजी देवेन्द्रनगर चार्तुमास के लिए पहुंच गई और आज दोनों माताश्री की वर्षायोग स्थापना का कार्यक्रम देवेन्द्रनगर में उत्साह पूर्वक आयोजित हुआ। जिसमें भिण्ड, ग्वालियर, मेहगांव, सलेहा, बृजपुर सहित अनेक स्थानो में बडी संख्या में जैन समाज के श्रद्धालु उपस्थित थे। साध्वी माताजी जैन साधू दीक्षा धारण कर देशभर जिन शासन की प्रभावना कर रही है।
वर्षायोग स्थापना कार्यक्रम की स्थापना पर जैन समाज ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष रवि जैन एवं कमेटी के सदस्यों द्वारा श्रीफल भेंट कर माताजी के समक्ष वर्षायोग की प्रार्थना की जिसमें मुख्य रूप से मनीष जैन, इंद्रचंद जैन, सतीष जैन, प्रशांत पंकज जैन तथा रविन्द्र जैन, कल्पना जैन राजुल जैन उत्साह पूर्वक श्रद्धालुहओ के साथ शामिल हुए। पंडित संकेत जैन के निर्देशन में कलश स्थापना कार्यकर्ता परिवारों का चयन किया गया। इस अवसर पर संगीतकार विनय म्यूजिकल ग्रुप भोपाल की स्वर लहरियों के साथ समूचा भक्त समुदाय झूमता नजर आया। वर्षायोग कार्यक्रम में प्रथम कलश राकेश कुमार, सुरेन्द्र जैन परिवार तथा द्वितीय कलश सुरेश चंद्र जैन तथा तृतीय कलश सौभाग्य अंकित आगम जैन, चतुर्थ सौभाग्य प्रकाश चंद्र जैन परिवार पंचम श्रीयांशगिरी कलश अभय अजय सोनिका जैन, छटवांवरागोदय तीर्थ कलश चिया परिवार अशोकनगर, सप्तम पाठशाला कलश भिंड ने प्राप्त किया।