पन्ना: एक बच्चे के बीमार होने के बाद आदिवासी बस्ती के बच्चों को आंगनबाडी केन्द्र में भेजना किया बंद

  • एक बच्चे के बीमार होने के बाद आदिवासी बस्ती के बच्चों को आंगनबाडी केन्द्र में भेजना किया बंद
  • दस्तक अभियान के तहत २ फरवरी को आशा कार्यकर्ता ने बच्चों को पिलाई थी विटामिन ए की खुराक

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-08 11:47 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जनपद पंचायत पन्ना के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत बिलखुरा की आदिवासी बस्ती के समीप संचालित आंगनबाडी केन्द्र में ८५ बच्चे दर्ज हैं लेकिन जब आज मौके पर जाकर देखा गया तो मात्र छोटे-छोटे पांच बच्चे ही आंगनबाडी केन्द्र में उपस्थित पाये गए। जब दर्ज बच्चों में इतने कम बच्चों की उपस्थिति के संबध में पूंछा गया तो वहां पर पदस्थ सहायिका सुनीता सिंह ने बतलाया कि २ फरवरी २०२४ को आशा कार्यकर्ता आईं थीं। उन्होंने सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई। उसके बाद आदिवासी बस्ती का एक बच्चा दीपेन्द्र पिता दीनदयाल गौड उम्र ६ वर्ष को बुखार आ गया। उसके बाद पूरी बस्ती के लोगों ने अपने-अपने बच्चों को आंगनबाडी केन्द्र में भेजना बंद कर दिया जिससे इतने कम बच्चे हैं और जबसे वह नहीं आ रहे हैं।

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गौरतलब हो कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलाए जा रहे दस्तक अभियान के तहत बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए विटामिन ए की खुराक आंगनबाडी केन्द्रों में जाकर पिलाई जा रही है और इसी अभियान के तहत बिलखुरा की आंगनबाडी केन्द्र में आशा कार्यकर्ता ने जाकर बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी गई। आंगनबाडी कार्यकर्ता नेहा गौड ने बतलाया कि आंगनबाडी केन्द्र में बच्चों की उपस्थिति के लिए ग्रामवासियों से कहा गया है कि वह अपने-अपने बच्चों को अनिवार्य रूप से भेजें। शासन के द्वारा बच्चों के लिए सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध करवाईं गईं हैं।

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इनका कहना है

दस्तक अभियान के तहत आंगनबाडी केन्द्रों व घर-घर जाकर विटामिन ए की खुराक पिलाये जाने के निर्देश आशा कार्यकर्ता व एएनएम को दिए गए हैं। मेरे द्वारा सुपरवाईजर व एएनएम को उस गांव में तत्काल भेजा जायेगा। सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जायेगा साथ ही दी गई खुराक के बाद समझाईश दी जायेगी।

डॉ. अभिषेक जैन

बीएमओ, स्वास्थ्य केन्द्र देवेन्द्रनगर

आपने यह मामला संज्ञान में लाया है कल ही ८ फरवरी को आंगनबाडी कार्यकर्ता व सहायिका को घर-घर जाने के लिए निर्देश दे रहा हूं। वह सभी बच्चों को आंगनबाडी केन्द्र में भेजने हेतु उनके माता-पिता से मिलेगीं।

अशोक विश्वकर्मा

परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग पन्ना

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