जिला परिषद सभापति चुनाव: तीन पर कांग्रेस का कब्जा, एक राकांपा के खाते में

जिला परिषद सभापति चुनाव: तीन पर कांग्रेस का कब्जा, एक राकांपा के खाते में

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-31 06:00 GMT
जिला परिषद सभापति चुनाव: तीन पर कांग्रेस का कब्जा, एक राकांपा के खाते में

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद सभापति चुनाव में कांग्रेस अपने मनसूबे में कामयाब हो गई। चार सभापति पदों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस ने 3 पद अपने खाते में कर लिया। एक सभापति पद पर राकांपा को समझौता करना पड़ा। दो सभापति पद पर अंतिम समय तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अड़ी रही, लेकिन कांग्रेस की घेराबंदी से आखिरकार राकांपा को झुकना पड़ा।

भाजपा भी लड़ी चुनाव
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष चुनाव में भाजपा ने किनारा किया था। भाजपा के पास बहुमत नहीं रहने से सभापति चुनाव में भी उम्मीदवार नहीं उतारेगी, ऐसे कयास लगाए जा रहे थे। ऐन वक्त पर भाजपा सदस्यों ने सभी पदों के लिए नामांकन भरने से मतदान कराया गया। कांग्रेस और भाजपा ने चार-चार और राकांपा ने दो उम्मीदवारों के नामांकन भरे। 

ऐन वक्त पर पदला समीकरण
राकांपा दो सभापति पद के लिए अंतिम समय तक कांग्रेस पर दबाव बनाती रही। चंद्रशेखर कोल्हे और उज्ज्वला बोढारे के नामांकन भरे गए। कांग्रेस, राकांपा नेताओं के बीच पदों के बंटवारे को लेकर हुई चर्चा बेनतीजा साबित हुई। सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं मिलने से नाराज राकांपा नेताओं ने अपने सदस्यों के नामांकन पीछे लेकर विपक्ष में बैठने का फैसला किया। पार्टी के आदेश पर कोल्हे ने नामांकन वापस ले लिया। ऐन वक्त पर बोढारे ने नामांकन वापस लेने से मना कर दिया। राकांपा अपने ही जाल में फंस गई। कांग्रेस ने राकांपा उम्मीदवार के समर्थन में अपने सदस्य का नामांकन वापस ले लिया। राकांपा और भाजपा उम्मीदवार मैदान में बचे रहने पर राकांपा को मजबूरी में महाआघाड़ी के साथ रहना पड़ा।

जीते
विषय समिति : तापेश्वर वैद्य, भारती पाटील (कांग्रेस)
महिला व बाल कल्याण : उज्ज्वला बोढारे (राकांपा)
समाज कल्याण समिति  : नेमावली माटे  (कांग्रेस)

हारे
भोजराज ठवकर,अनिल निधान (भाजपा)      
अर्चना गिरी (भाजपा)
सतीश डोंगरे (भाजपा)

परदे के पीछे की राजनीति
राकांपा को सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं मिलने से महाआघाड़ी से नाता तोड़ने का िनर्णय लिया। कांग्रेस भी अपनी भूमिका पर अड़ी रही। अपने मनसूबों पर कामयाब होने के िलए कांग्रेस के नेताओं ने राजनीतिक चाल चली। राकांपा सदस्यों को नामांकन भरने दिया। कांग्रेस ने भी 4 पदों के लिए नामांकन भरे। राकांपा सदस्य उज्ज्वला बोढारे का महिला व बाल कल्याण समिति सभापति के िलए नामांकन भरा गया। कांग्रेस के नेताओं ने उनके साथ संपर्क कर समर्थन करने की हामी भरी। कांग्रेस के समर्थन से चुनाव में जीत पक्की हो जाने से उन्होंने नामांकन वापस लेने से मना कर दिया।

 कांग्रेस की सदस्य ज्योति राऊत का नामांकन वापस लिया गया। भाजपा की अर्चना गिरी और उज्ज्वला बोढारे चुनाव मैदान में बचे रहने से बोढारे का चुनाव जीतने का रास्ता साफ हो गया। कांग्रेस राजनीतिक चाल चलकर महाआघाड़ी से अलग हो रही राकांपा को अपने साथ करने में कामयाब हो गई। सदन में अचानक कांग्रेस, राकांपा एक साथ आ जाने से भाजपा अलग-थलग पड़ गई। कांग्रेस, राकांपा महाआघाड़ी को शिवसेना, शेकापा, निर्दलीय सदस्यों का समर्थन मिलने से महाआघाड़ी के उम्मीदवारों के पक्ष में 43 सदस्यों ने मतदान किया। हारे हुए भाजपा उम्मीदवारों को 15-15 मत मिले।

वरिष्ठ सदस्यों में नाराजगी
भापति चुनाव में अनुसूचित जनजाति को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने का तीर छोड़कर कांग्रेस की वरिष्ठ सदस्य शांता कुमरे ने नाराजगी का सुर आलापा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति से अध्यक्ष तथा अन्य दो सभापति को अवसर दिया गया। जिप के 8 सर्कल अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इनमें से 7 में कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीते हैं। वे स्वयं तीसरी बार निर्वाचित हुई हैं। इसके बावजूद अनुसूचित जनजाति के सदस्य को सभापति पद से वंचित रखा गया है। अनुसूचित जनजाति के साथ अन्याय किए जाने का उन्होंने दु:ख व्यक्त किया।

पैंतरा बदलने से नाराजगी
महिला व बाल कल्याण समिति सभापति चुनी गईं उज्ज्वला बोढारे ने सभागृह में अचानक नामांकन वापस लेने से मना करने पर राकांपा सदस्य चौंक गए। आखिरकार गृहमंत्री अनिल देशमुख और वरिष्ठ नेता रमेश बंग के आदेश का पालन करते हुए बोढारे के पक्ष में मतदान करने का फैसला लिए जाने की प्रतिक्रिया राकांपा गट नेता चंद्रशेखर कोल्हे ने दी। बोढारे के पैंतरा बदलने से राकांपा में नाराजगी रही। अपनी ही पार्टी के सदस्य के िवजयोत्सव से दूरी बनाकर राकांपा ने बोढारे के प्रति नाराजगी का इजहार किया।

जिला परिषद में महिला राज
जिला परिषद में अध्यक्ष समेत 4 पदों पर महिलाएं विराजमान होने से जिला परिषद में महिला राज स्थापन हुआ है। अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित किए जाने से रश्मि बर्वे अध्यक्ष निर्वाचित हुईं। गुरुवार को 4 विषय समिति चुनाव हुए। इसमें से 3 पदों पर महिलाएं सभापति चुनी गईं। उपाध्यक्ष और एक सभापति पुरुष हैं। 6 पदाधिकारियों में 4 पद पर महिला और दो पद पर पुरुष िवराजमान हैं। जिला परिषद की सदस्य संख्या 58 है। इसमें से 31 महिला सदस्य निर्वाचित हुई हैं। 
 

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