देश भर में लकवे के 20 प्रतिशत मरीज 40 से कम उम्र के - डॉ. मेश्राम
वर्ल्ड स्ट्रोक-डे देश भर में लकवे के 20 प्रतिशत मरीज 40 से कम उम्र के - डॉ. मेश्राम
भास्कर संवाददाता |नागपुर.
आज कल की बेतरतीब जिंदगी में सही आहार, जीवनशैली और अन्य कारणों से कई समस्याएं होती हैं। इसमें से एक बीमारी है ब्रेन स्ट्रोक, जिसे ब्रेन अटैक भी कहते हैं। इसमें मरीज के मस्तिष्क में धमनियां या तो ब्लॉक हो जाती हैं या फिर फट जाती है। इससे मरीज को पैरालिसिस यानी लकवे की समस्या होती है। हाल ही में विश्व स्ट्रोक डे मनाया गया, जिसमें इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलाॅजी ने वर्ल्ड स्ट्रोक ऑर्गेनाइजेशन के साथ कैंपेन शुरू किया। इससे बचने और इसके लक्षण और अन्य जानकारी को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। कार्यक्रम के मुख्य समन्वयक डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम रहे। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वभर में युवाओं में ब्रेन स्ट्रोक की समस्या भारत में है। 20 प्रतिशत मरीज 40 से कम उम्र के हैं। युवाओं में मामले अधिक ट्रॉपिकल न्यूरोलॉजी ग्रुप ऑफ वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ न्यूरोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर मेश्राम ने बताया कि देशभर में हर मिनट में 6 लोगों को लकवे की समस्या होती है। विश्व में हर दो सेकंड में एक मरीज को ब्रेन स्ट्रोक होता है। यह ब्रेन स्ट्रोक किसी भी उम्र में हो सकता है। चिंता का विषय है कि विश्वभर की तुलना में भारत में लकवा के मामले युवाओं में अधिक हैं। देश में लकवा के 20 प्रतिशत मरीज 40 साल से कम उम्र के हैं। जंक फूड खाना, धूम्रपान करना, शराब पीना, व्यायाम न करना, तनाव लेना इसके मुख्य कारण है। साथ ही हाइपरटेंशन, डायबिटीज, ब्लडप्रेशर सहित अन्य कारण भी हैं। इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के स्ट्रोक सबसेक्शन के चेयरमेन डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि 80 प्रतिशत मरीजों में धमनियों के ब्लॉक होने और 20 प्रतिशत में धमनियों के फटने के कारण यह परेशानी होती है। कार्यक्रम में इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के अध्यक्ष डॉ. जे.एम.के. मूर्ति, डॉ निर्मल सूर्या, डॉ. सुनील नारायण, डॉ. श्रीजितेश और डॉ. दीपिका जोशी शामिल रहे।