300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन क्षमता के लक्ष्य पर हो रहा काम -सिंधिया

लक्ष्य 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन क्षमता के लक्ष्य पर हो रहा काम -सिंधिया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-11 15:18 GMT
300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन क्षमता के लक्ष्य पर हो रहा काम -सिंधिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. केन्द्रीय इस्पात और नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इस्पात का मौजूदा उत्पादन क्षमता 150 मिलियन टन से बढ़ाकर 300 मिलियन टन प्रति वर्ष करने के लक्ष्य को साकार करने के लिए प्रभावी ढंग से काम हो रहा है। उन्होंने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक देश के रूप में भारत को हरित इस्पात अपनाकर सबसे ज्यादा जिम्मेदार बनने पर जोर दिया है। सिंधिया ने कहा कि हम इस्पात उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने और राष्ट्र के विकास के लिए इस्पात का उत्पादन बढ़ाने की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान कच्चे इस्पात का रिकॉर्ड 18.4 मिलियन टन उत्पादन हुआ है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 5.3 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि इस्पात के ज्यादा उत्पादन का अनुकूल असर कोयला और लौह अयस्क सहित कई अन्य सेक्टर पर पड़ता है।   

पीएलआई योजना से मिलेंगे 60 हजार नए रोजगार 

इस्पात मंत्रालय ने विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 29 मई 2021 को 6,322 करोड़ रूपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की मंजूरी दी थी। इस योजना का उद्देश्य स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने और स्थानीय कंपनियों को विनिर्माण इकाईयां स्थापित करने या वर्तमान इकाईयों के विस्तार के लिए प्रोत्साहित करने के आयात के खर्च में कटौती करना है। मंत्री ने बताया कि पीएलआई योजना के तहत 27 स्टील कंपनियों से जमा किए गए 57 आवेदनों को स्वीकार कर लिया गया है। इससे 60 हजार नए रोजगार सृजन की संभावना है। 

शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए सरकार प्रतिबद्ध 

सिंधिया ने बताया कि  इस्पात के उत्पादन में हम दुनिया में दूसरे पायदान पर हैं और पिछले नौ वर्षों के दौरान हमारी प्रति व्यक्ति इस्पात खपत 57 किलोग्राम से बढ़कर 78 किलोग्राम हो गई है। सरकार हरित इस्पात निर्माण को बढ़ावा देने के साथ इस्पात उद्योग द्वारा कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के लिए राष्ट्रीय इस्पात नीति लागू की है। वर्ष 2030-31 तक शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए मंत्री ने कहा कि हमें पर्यावरण के साथ सह-अस्तित्व सीखना होगा, हमें पर्यावरण का सम्मान करना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि इस्पात क्षेत्र में डीकार्बोनाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए लिए सरकार तत्पर है। 2019 में लागू स्टील स्क्रैप पुनर्चक्रण नीति इस्पात बनाने में कोयले की खपत को कम करने के लिए घरेलू स्तर पर उत्पन्न स्क्रैप की उपलब्धता को बढ़ाती है।

   

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