जंगली झाड़ियां बनी मुसीबत, जानवरों की हो रही मौत
जंगली झाड़ियां बनी मुसीबत, जानवरों की हो रही मौत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कपास के खेत में उगने वाली ढोरकाकड झाड़ी मवेशियों की जान ले रही है। इसे खाते ही मवेशी बीमार पड़ जाते हैं और जान गंवा रहे हैं। हाल ही में हिंगना तहसील के आमगाव, खड़गी, कान्होलीबारा आदि गांवों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। इसको लेकर पशु संवर्धन विभाग लगातार मवेशियों को बचाने का प्रयास कर रहा है। हिंगना तहसील अंतर्गत कई वन्यक्षेत्र हैं। यहां मवेशियों पर वन्यजीवों में बाघ, तेंदुए के हमले की घटनाएं आम हैं। इसलिए पूरे साल गांव वाले जंगली जानवरों के कारण दहशत में रहते हैं।
अब नई मुसीबत ढोरकाकड झाड़ी के रूप में सामने आई है। यह दिखने में सामान्य झाड़ियों की तरह ही है। इसे खाने से मवेशियों की मौत तक हो रही है। अब तक इस तरह की झाड़ियां नहीं होती थीं। परंतु इस बार कपास के खेतों में बड़े पैमाने पर इस तरह की झाड़ियां उग आई हैं। इसे खाने के बाद मवेशियों की मल-मूत्र नलिका पर सूजन हो जाता है और मूत्र विसर्जन बंद हो जाता है। इसके बाद मवेशी मर जाते हैं। कान्होलीबारा में इस तरह की घटनाएं हुई हैं। प्राथमिक जांच में इसी तरह का कारण सामने आया है। हालांकि अभी तक इस तरह मरे हुए किसी भी जानवर का पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है।
पशु संवर्धन विभाग के डॉक्टरों ने देखा मामला
हाल ही में कान्होलीबारा में इस तरह के मामले सामने आए थे। उस वक्त पशु संवर्धन विभाग के उपायुक्त डॉ. मंजुषा पुंडलिक, सह आयुक्त डॉ. भुगावकर, सह आयुक्त प्रादेशिक रोग अन्वेषण प्रयोगशाला डॉ. टोपले, पशुधन विकास अधिकारी डॉ. ऋचा लांजेवार, डॉ. अश्विनी गडगडे आदि ने इसे देखा था।