कोरोना से डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की मौत पर क्यों नहीं दिया मुआवजा

कोरोना से डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की मौत पर क्यों नहीं दिया मुआवजा

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-20 17:35 GMT
कोरोना से डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की मौत पर क्यों नहीं दिया मुआवजा



डिजिटल डेस्क जबलपुर। कोरोना की दूसरी लहर में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की मौत पर उनके परिजनों को मुआवजा दिए जाने को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में याचिका दायर की गई है। याचिका में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के मानव अधिकार के हनन को रोकने के लिए नेशनल टास्क फोर्स बनाने की भी माँग की गई है।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर में बड़े पैमाने पर नागरिकों के संक्रमित होने से डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों पर लोड बढ़ गया है। इससे बड़ी संख्या में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों की मौतें हो रही हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक देश में कोरोना से 269 डॉक्टरों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही लगभग 1500 नर्सों और एक हजार से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों की मौत हो चुकी है। राÓय सरकार ने डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए मुआवजे की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया। अधिवक्ता प्रभात यादव ने कहा कि मैनपॉवर की कमी की वजह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की मौतें हो रही हैं। इसके लिए नेशनल टास्क फोर्स का गठन करने की माँग की गई है।

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