वाहन धारकों के खिलाफ खोखली साबित हो रही चेतावनी, सड़क किनारे वाहनों में सज रहीं दुकानें

नागपुर वाहन धारकों के खिलाफ खोखली साबित हो रही चेतावनी, सड़क किनारे वाहनों में सज रहीं दुकानें

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-17 14:42 GMT
वाहन धारकों के खिलाफ खोखली साबित हो रही चेतावनी, सड़क किनारे वाहनों में सज रहीं दुकानें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 52 (1) के मुताबिक कंपनी की तरफ से वाहन में दिए गए सभी फीचर्स का होना जरूरी होता है। नियमों के मुताबिक बदलाव ही वैध है, उसके अलावा और कोई भी बदलाव अवैध माना जाता है। कुछ बदलावों के लिए प्रादेशिक परिवहन विभाग से अनुमति लेना होता है। इन नियमों को धता बताकर शहर में कई मालवाहक वाहन दुकानों में तब्दील हो गए हैं। सड़क किनारे पार्क कर इन वाहनों में लस्सी, खान-पान की सामग्री, खिलौनें, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जूस सेंटर, चायनीज व्यंजन आदि कई तरह की दुकानें चल रही हैं। हाल ही में प्रादेशिक परिवहन विभाग द्वारा मॉडिफाइड वाहन धारकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई। यह चेतावनी खोखली साबित हुई है। आरटीओ के आस-पास, यातायात पुलिस उपायुक्त कार्यालय के आस-पास व शहर की कई सड़कों के किनारे वाहनों में सजी दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं, लेकिन इन वाहनधारकों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही।

इंजन बदलवाने के लिए भी एनओसी जरूरी : गाड़ी का इंजन खराब होने पर या पसंद के चलते गाड़ी का इंजन बदलवा लिया जाता है, जो गैर कानूनी है। इंजन बदलवाने के लिए आरटीओ से अनुमति लेनी होती है। नया इंजन लगवाने के बाद इसका दुबारा रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। नियम यह भी है कि,  इंजन में बदलाव करने के बाद भी उसके ईंधन में बदलाव नहीं किया जा सकता।

रंग बदलवाने के लिए एनओसी जरूरी : वाहन के रंग में बदलाव करने के लिए भी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय  से अनुमति लेना जरूरी है। बिना आरटीओ की अनुमति के गाड़ी के रंग में बदलाव गैरकानूनी है। वाहन के मूल स्वरूप में परिवर्तन किया जाए, जैसे शटर लगवाना, दुकान का नामफलक लगाना आदि के लिए आरटीओ की अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके लिए शुल्क भी अदा करना होता है।


 

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