तमन्ना भाटिया, भूमि पेडणेकर जैसी कई जानी-मानी हस्तियों को हिंदी सिखा चुका है यह शख्स

तमन्ना भाटिया, भूमि पेडणेकर जैसी कई जानी-मानी हस्तियों को हिंदी सिखा चुका है यह शख्स

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-14 09:01 GMT
तमन्ना भाटिया, भूमि पेडणेकर जैसी कई जानी-मानी हस्तियों को हिंदी सिखा चुका है यह शख्स

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जिन फिल्मी सितारों को पर्दे पर आप फर्राटेदार हिंदी बोलते देखते हैं, असल में इनमें से अधिकांश के हाथ हिंदी में तंग हैं पर यहां लंबे समय तक टिकने के लिए हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सितारों में हिंदी सीखने की ललक बढ़ रही है। तमन्ना भाटिया, भूमि पेडणेकर जैसी अभिनेत्रियों और शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के दोनों बेटों आदित्य व तेजस के हिंदी शिक्षक विनय शुक्ला कहते हैं कि यह कार्य कर मैं हिंदी की सेवा नहीं कर रहा बल्कि हिंदी मेरी सेवा कर रही है। पढ़ाई पूरी कर स्कूल-कॉलेज में हिंदी शिक्षक बनने की बजाय शुक्ला ने ICSC और CBSE के छात्रों को हिंदी पढ़ाने की शुरुआत की। 

हिंदी व तमिल-तेलगु फिल्मों की जानी पहचानी अभिनेत्री तमन्ना भाटिया अपनी पढ़ाई के दौरान ही फिल्मों में आ गई थी। तमन्ना ने विनय शुक्ला से हिंदी सीखी है। ‘टायलेट एक प्रेम कथा’ ‘शुभ मंगल सावधान’ व‘जोर लगा के हईसा’ जैसी फिल्मों से अपनी सशक्त अभिनेत्री की छवि बनाने वाली भूमि पेडनेकर विनय शुक्ला के शिष्यों में से एक हैं। ‘माई नेम इज खान’ में शाहरुख खान के बेटे का किरदार निभाने वाले अर्जुन औजला ने भी शुक्ल से ही हिंदी सीखी है। सुप्रसिद्ध पार्श्व गायक कुमार सानू के बेटे जीको भट्टाचार्य और अभिनेता अनुपम खेर की भतीजी वृंदा खेर भी शुक्ल के शिष्यों में शामिल हैं। हिंदी शिक्षण की बदौलत विनय शुक्ल आज शिवसेना के सक्रिय नेता बन गए हैं। शुक्ला युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे और उनके छोटे भाई तेजस ठाकरे के हिंदी शिक्षक रहे हैं। शुक्ला फिलहाल शिवसेना के उत्तरभारत प्रभारी हैं। आज ठाकरे परिवार के निवास स्थान मातोश्री में उनकी सीधी पहुंच है।

इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों की लेते हैं मदद

शुक्ल कहते हैं कि हिंदी फिल्मों के सितारे हिंदी में सही उच्चारण के साथ-साथ हिंदी के शब्दों का सही मतलब भी समझना चाहते हैं। क्योंकि उन्हें इस बात का आभास है कि वे जो संवाद बोल रहे हैं, उसका अर्थ नहीं जानते तो स्वभाविक अभिनय नहीं कर पाएंगे। वे बताते हैं, ‘कई बार विदेशों में शूटिंग कर रहे अभिनेता-अभिनेत्रियां फोन कर उनके संवाद में शामिल हिंदी के किसी शब्द का मतलब पूछते हैं। मैं उन्हें हिंदी सिखाने के लिए अत्याधुनिक इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों की भी मदद लेता हूं।  

बाजार की वजह से आगे बढ़ी हिंदी    
हिंदी के भविष्य के सवाल पर शुक्ला कहते हैं कि हिंदी भारत सरकार और हिंदी शिक्षकों की बदौलत जिंदा नहीं है। बाजार की वजह से हिंदी आगे बढ़ रही हैं। हालांकि हिंदी को लेकर सरकार के रवैए से वे भी दुखी हैं। पर कहते हैं कि मेरे घर का चूल्हा सरकार नहीं हिंदी की बदौलत ही जलता है।

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