8 जनवरी को विधानमंडल का विशेष अधिवेशन, विदर्भ के प्रमुख दावेदारों को मिला मंत्रीपद
8 जनवरी को विधानमंडल का विशेष अधिवेशन, विदर्भ के प्रमुख दावेदारों को मिला मंत्रीपद
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल का 8 जनवरी को विशेष अधिवेशन बुलाया गया है। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। संसद में मंजूर किए जा चुके अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 10 साल के लिए बढ़ाने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक के अनुमोदन के लिए एक दिवसीय सत्र बुलाया गया है। इससे पहले मंत्रालय में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मंत्रिपरिषद एक बेस्ट टीम है। राज्य मंत्रिपरिषद में जनता की समस्याओं के बारे में समझ रखने वाले अनुभवी और उत्तम नेता हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि बेस्ट टीम हर मैच जीतेगी और राज्य को प्रगतिपथ पर पहुंचाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में विभिन्न विचारधारा वाले दल हैं लेकिन जनता की समस्याओं को हल करने के लिए हम सभी को एकजुट काम करना है। हमें एक परिवार के रूप में काम करना है।
विदर्भ के प्रमुख दावेदारों को मिला मंत्रीपद,5 केबिनेट 1 राज्यमंत्री
महाविकास आघाड़ी सरकार ने सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया है। 26 केबिनेट व 10 राज्यमंत्री बनाए गए हैं। आघाड़ी सरकार में मंत्रीपद पाने के इच्छुक प्रमुख दावेदार पद पाने में सफल रहे हैं। इस विस्तार में विदर्भ को 5 केबिनेट व 1 राज्यमंत्री पद मिला है। केबिनेट मंत्रीपद की शपथ लेनेवालों में अनिल देशमुख राकांपा, सुनील केदार कांग्रेस, विजय वडेट्टीवार कांग्रेस, यशोमति ठाकुर कांग्रेस, संजय राठौर शिवसेना शामिल है। प्रहार संगठन के निर्दलीय विधायक बच्चू कडू राज्यमंत्री बने हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकार गठन के समय 6 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। उसमें नागपुर से डॉ.नितीन राऊत भी समावेश थे। विदर्भ से मंत्रीपद पाने के इच्छुक रहे नाना पटोले को कांग्रेस विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया है।
नागपुर जिले में 3 केबिनेट
मंत्रिमंडल विस्तार के साथ नागपुर जिले में 3 केबिनेट मंत्री हो गए है। डॉ.नितीन राऊत उत्तर नागपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। वे पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों के मंत्री बनाए गए हैं। सोमवार को शपथ लेनेवाले राकांपा के मंत्री अनिल देशमुख जिले में काटोल विधानसभा क्षेत्र से चुने गये हैं। सुनील केदार जिले की सावनेर सीट से जीते हैं। देशमुख व केदार का विधानसभा क्षेत्र एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। देशमुख व केदार निर्दलीय विधायक भी रहे हैं। दोनों राकांपा में भी साथ- साथ जीते थे। 1995 में शिवसेना की नेतृत्व की सरकार में दोनों मंत्री रहे हैं। देशमुख केबिनेट मंत्री थे। केदार राज्यमंत्री थे।
पूर्व विदर्भ का बढ़ा प्रभाव
मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से देखें तो पूर्व विदर्भ का प्रभाव बढ़ा है। पश्चिम विदर्भ मंत्रीपद पाने में पिछड़ गया है। विजय वडेट्टीवार कांग्रेस के नेतृत्व की आघाड़ी सरकार में राज्यमंत्री रहे हैं। वे पूर्व विदर्भ में चंद्रपुर जिले की ब्रम्हपुरी विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं। पिछली सरकार में वे विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष भी रहे हैं। यशोमति ठाकुर अमरावती जिले की तिवसा सीट से 3 बार चुनाव जीती हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की सचिव है। वकालत की शिक्षा प्राप्त यशोमति के पिता भी विधानसभा सदस्य रहे हैं। संजय राठोर यवतमाल जिले से चुनाव जीते हैं। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व की सरकार में वे राज्यमंत्री थे। बच्चू कड़ू अमरावती जिले की अचलपुर विधानसभा सीट से चौथी बार निर्दलीय चुनाव जीते हैं। वे दबंग विधायक के तौर पर पहचाने जाते हैं। प्रहार संगठन के माध्यम से विविध प्रदर्शन करते रहे हैं।