वीएचए के प्रशासक सिधरा को मिली राहत ,हाईकोर्ट ने याचिका की खारिज

वीएचए के प्रशासक सिधरा को मिली राहत ,हाईकोर्ट ने याचिका की खारिज

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-18 06:12 GMT
वीएचए के प्रशासक सिधरा को मिली राहत ,हाईकोर्ट ने याचिका की खारिज

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  विदर्भ हॉकी एसोसिएशन (वीएचए) के प्रशासक टी.एन. सिधरा को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से राहत मिली है। बतौर प्रशासक की गई उनकी नियुक्ति के खिलाफ अरविंद जोशी ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में आपत्ति उठाई थी। याचिकाकर्ता का दावा था कि, 16 अप्रैल-2019 के अपने आदेश में हाईकोर्ट ने ऐसे किसी व्यक्ति को वीएचए का प्रशासक नियुक्त करने का आदेश जारी किया था, जो दोनों गुटों में से किसी भी गुट का न हो।

याचिकाकर्ता जोशी का आरोप था कि, सिधरा इसके पूर्व वीएचए के सचिव के रूप में काम कर चुके हैं। ऐसे में वे किसी एक खास गुट के हैं। ऐसे में सहायक धर्मादाय आयुक्त द्वारा की गई उनकी नियुक्ति गलत है, लेकिन हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता यह साबित नहीं कर सके कि, सिधरा किस गुट से संबंध रखते हैं और उनकी नियुक्ति से पक्षपात कैसे उभरेगा। वहीं सिधरा के अधिवक्ता आनंद परचुरे ने कोर्ट को बताया कि, उनके पक्षकार पुरस्कार विजेता हॉकी खिलाड़ी रहे हैं और खेल के महत्व को बखूबी समझते हैं।

मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए सिधरा की नियुक्ति कायम रखी।  दरअसल, वीएचए की कार्यकारिणी में बीते कुछ समय से आंतरिक विवाद चल रहे हैं। इसकी शिकायत हॉकी इंडिया से करने पर कार्यकारी संचालक ने 7 जनवरी 2019 को आदेश जारी कर वीएचए की सदस्यता रद्द कर दी थी। याचिकाकर्ता के अनुसार उन्होंने इस मामले में हॉकी इंडिया को स्पष्टीकरण भी दिया था, लेकिन फिर भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। ऐसे में वीएचए ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने अप्रैल में वीएचए पर प्रशासक नियुक्त करने का आदेश दिया था। 

विवादित पोस्ट डालने वाले वकील को अग्रिम जमानत नहीं
अयोध्या फैसले के बाद नागपुर के वकीलों के वॉट्सएप ग्रुप पर विवादित पोस्ट डालने वाले वकील मुकुल फड़के को नागपुर सत्र न्यायालय ने अग्रिम जमानत देने से इंकार करते हुए उनकी अर्जी खारिज कर दी है । पुलिस मंे मामला दर्ज होने के बाद वकील ने अग्रिम जमानत के लिए सत्र न्यायालय में अर्जी लगाई थी। 9 नवंबर को अयोध्या प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने वॉट्सएप ग्रुप पर अयोध्या प्रकरण में किसी भी तरह की विवादित टिप्पणी या चित्र प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। आरोप है िक, 12 नवंबर को एड. फड़के ने जिला न्यायालय के वकीलों के प्रिस्टीन लायर्स नामक वॉट्सएप ग्रुप पर कुछ विवादित पोस्ट डाला था। एड. आदिल मोहम्मद शफी मोहम्मद ने उनके खिलाफ सदर थाने में शिकायत दी। सदर पुलिस ने एड. फड़के के खिलाफ विवादित पोस्ट डालने का मामला दर्ज कर लिया था। कोर्ट मंे फरियादी की ओर से एड. अकीब हक ने पक्ष रखा। 
 

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