महिला ही महिला की दुश्मन कहने पर सदन में हंगामा, नारेबाजी
नगर निगम की बैठक में विपक्ष ने की जमकर नारेबाजी महिला ही महिला की दुश्मन कहने पर सदन में हंगामा, नारेबाजी
डिजिटल डेस्क जबलपुर। नगर निगम की बैठक में मंगलवार को एक महिला एमआईसी सदस्य द्वारा एक महिला भाजपा पार्षद को महिला ही महिला की दुश्मन कहने पर जमकर हंगामा हुआ। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने भाजपा की महिला पार्षदों के साथ नारेबाजी शुरू कर दी। इसके प्रत्युत्तर महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने भी कांग्रेस की महिला पार्षदों के साथ मिलकर नारेबाजी का जवाब देना शुरू कर दिया, हालाँकि इस दौरान भारत माता की जय, वंदे मातरम, नारी शक्ति की जय और बहनों की जय जैसे नारे लगाए गए। पार्षदों के हंगामे से निगमाध्यक्ष रिकुंज विज इतना नाराज हुए कि उन्होंने कहा कि पार्षद इस बात का ध्यान रखें कि जनता के पैसे से सदन चल रही है। शहर की जनता हमें देख रही है कि हम यहाँ पर क्या कर रहे हैं। अब सदन की अगली बैठक 21 अप्रैल को सुबह 11 से आयोजित की जाएगी।
ऐसे हुई हंगामे की शुरुआत
सदन में मंगलवार को भाजपा पार्षद रजनी साहू ने शिक्षा विकास उपकर की राशि से स्कूलों की मरम्मत का मुद््दा उठाया। उनके सवाल का जवाब देने के लिए एमआईसी सदस्य हेमलता सिंगरौल खड़ी हुईं। इस पर पार्षद ने कहा कि मैं आपको नहीं पहचानती हूँ। इतना सुनते ही एमआईसी सदस्य शगुफ्ता उसमानी ने कहा कि महिला ही महिला की दुश्मन होती है। इतना सुनते ही भाजपा पार्षद गुस्से में आ गए और नारेबाजी करने लगे। इसके जवाब में कांग्रेस पार्षदों ने भी जमकर नारेबाजी की। इसी तरह स्ट्रीट लाइट के मुद््दे पर भी जमकर हंगामा हुआ।
बिना प्रमाणीकरण हो रहा सफाई ठेकेदार को भुगतान
भाजपा पार्षद रजनी साहू ने कहा कि नगर निगम ने व्यवस्था दी है कि पार्षदों के बिना प्रमाणीकरण के सफाई ठेकेदार को भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके बाद भी उनके वार्ड में बिना प्रमाणीकरण के भुगतान किया जा रहा है।
माँ नर्मदा में एसटीपी प्लांट लगाने का काम शुरू
महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने कहा कि माँ नर्मदा में एसटीपी प्लांट लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। बजट की बैठक में पक्ष और विपक्ष की ओर से सार्थक सुझाव आ रहे हैं। जिसे बजट में शामिल किया जाएगा। नगर सरकार ने पिछले 6 महीने में साढ़े चार हजार से अधिक स्ट्रीट लाइटें पार्षदों को दी हैं, इतनी स्ट्रीट लाइटें पिछले 10 वर्ष में नहीं दी गईं।
नगर सरकार केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं पर निर्भर
नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल ने कहा कि नगर सरकार का बजट पूरी तरह से केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं पर निर्भर है। नगर सरकार के पास अपना कुछ नहीं है। जलसंकट के मुद््दे पर नगर सरकार कुछ नहीं कर रही है। केवल झूठी घोषणाएँ करके वाहवाही लूटी जा रही है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मेट्रो बस के चालकों और कंडक्टरों के साथ मारपीट की जा रही है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
एक वर्ष में नहीं बन पाई धनवंतरी नगर सड़क
पार्षद जीतू कटारे ने कहा कि धनवंतरी से साईं कॉलोनी के बीच एक वर्ष में भी सड़क नहीं बन पाई है। उन्होंने सदन में दैनिक भास्कर में प्रकाशित समाचार को भी दिखाते हुए कहा कि सड़क में तराई भी नहीं की जा रही है। सड़क का लिंक रोड के साथ मिलान भी नहीं किया जा रहा है। इसके कारण लोग परेशान हो रहे हैं। श्री कटारे ने कहा कि सदन में उठाए जाने वालों मुद््दों पर भी अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
कछपुरा स्कूल में सुविधा नहीं
पार्षद अंशुल राघवेन्द्र यादव ने कहा कि शासकीय कछपुरा स्कूल में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। नगर निगम शिक्षा विकास उपकर वसूल रहा है, लेकिन स्कूल में सुधार कार्य नहीं करा रहा है।
लेखा समिति में क्यों नहीं पेश हुआ बजट
पार्षद श्याम कनौजिया ने सवाल किया कि नगर सरकार ने सदन के पहले लेखा समिति में बजट पेश नहीं किया है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि महापौर के पास 11 लोगों की टीम है, लेकिन महापौर अकेले ही बैंटिंग करते हैं।
मुख्यमंत्री ने की 22 हजार घोषणाएँ
एक भाजपा पार्षद ने महापौर पर कटाक्ष किया कि वे घोषणा वीर हैं। इस पर कांग्रेस पार्षद संतोष दुबे पंडा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 18 वर्षों में 22 हजार घोषणाएँ की हैं, उनमें से एक हजार भी पूरी नहीं हो पाई हैं। महापौर को तो अभी केवल 8 महीने हुए हैं।
नगर निगम को एम्बुलेंस देंगे निगमाध्यक्ष
सदन में मंगलवार को निगमाध्यक्ष रिकुंज विज ने घोषणा की है कि वे अपने मद से नगर निगम को एक एम्बुलेंस देंगे। जिसका उपयोग अस्पताल में मृत होने वाले गरीब लोगों को उनके घर तक पहुँचाने के लिए किया जाएगा। सदन में यह मामला भाजपा पार्षद निशांत झारिया ने उठाया था।
गौर नदी है नाला नहीं
निगमाध्यक्ष रिकुंज विज ने कहा कि नगर िनगम के िरकॉर्ड में गौर नदी को नाला लिखा जा रहा है। स्थानीय लोग गौर नदी को माँ मानते हैं। इससे लोगों की भावनाएँ आहत होती हैं। इसलिए नगर निगम के रिकॉर्ड में गौर नदी लिखा जाए।