उद्धव ने पीएम से की कोरोना जांच केंद्र बढ़ाने की मांग, सब्जियों की आपूर्ति के लिए खुले रहेंगे एपीएमसी
उद्धव ने पीएम से की कोरोना जांच केंद्र बढ़ाने की मांग, सब्जियों की आपूर्ति के लिए खुले रहेंगे एपीएमसी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार से प्रदेश में कोरोना वायरस जांच केंद्र और प्रयोगशाला (लैब) की मौजूदा क्षमता को बढ़ाने की मांग की है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से माध्यम से राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद साधा। इस दौरान सबसे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ठाकरे ने प्रधानमंत्री के समक्ष अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में 22 मार्च से अंतरराष्ट्रीय विमान बंद किए जाएंगे। उस समय तक 20 से 25 हजार यात्री देश और महाराष्ट्र में लौटेंगे। इन यात्रियों को क्वारंटाइन अथवा इनका इलाज करना होगा। इसलिए क्वारंटाइन के लिए ज्यादा सुविधाएं लगेंगी। दवाई, वेंटिलेटर और इलाज के लिए अस्पताल की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए जरूरत पड़ने पर सेना के अस्पताल उपलब्ध कराए जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई, पुणे और नागपुर अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने वाले यात्रियों को जो वाहन मिलेगा उससे वह अपने घर पर जाने की कोशिश करेंगे। इसलिए इसको रोकने की जरूरत है।
उद्धव ने कि मोदी के ‘जनता कर्फ्यू’ की तारीफ
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में सभी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से जनता कर्फ्यू के आह्वान का सकारात्मक परिणाम हुआ है। महाराष्ट्र पूरी ताकत के साथ कोरोना का मुकाबला कर रहा है। महाराष्ट्र कोरोना वायरस के दूसरे चरण में है। राज्य को तीसरे चरण में न जाना पड़े इसके लिए कोरोना वायरस से निपटने के लिए उपाय योजना की गति बढ़ाने की जरूरत है।
सब्जियों की आपूर्ति के लिए राज्य में खुले रहेंगे एपीएमसी
अनाज, फल व सब्जियों जैसी जीवनावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुचारु रुप से होती रहे इसलिए राज्य कृषि बाजार उत्पन्न समिति (एपीएमसी) का कामकाज जारी रहेगा। राज्य के विपणन मंत्री बालासाहेब पाटील ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पन्न बाजार समिति में सुबह काम जल्दी खत्म किया जाएगा। उसके बाद बाजार की साफ सफाई की जाएगी और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसके तहत बजार समिति परिसर को निर्जतुकीकरण भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना विषाणु के प्रसार को रोकने के लिए रोजाना आम जनजीवन पर निर्बंध लगाए जा रहे हैं। कोरोना के नियंत्रण के लिए कई जगहों पर बाजार को बंद किया जा रहा है लेकिन इसके चलते किसानों व उपभोक्ताओं की मुश्किले बढ सकती हैं। इसलिए कोरोना के संकट के बावजूद बाजार समितियों को पूरी तरह से बंद रखना उचित नहीं लग रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पाद जीवनावश्यक वस्तु के तहत आते हैं। ऐसे में भले ही कोरोना का खतरा हो फिर भी नागरिकों को फल, सब्जियां, अनाज व अन्य जीवनावश्यक चीजों की जरुरत तो पड़ेगी ही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी कभी बाजार समिति के कामकाज को बंद रखने की बात नहीं कही है। लिहाजा बाजार समितियों का कामकाज रोजाना की तरह सुचारु रुप से चलता रहेगा।