मेडिकल में नई एमआरआई मशीन का शुरू हुआ ट्रायल
नागपुर मेडिकल में नई एमआरआई मशीन का शुरू हुआ ट्रायल
डिजिटल डेस्क, नागपुर. मेडिकल को तीन साल बाद नई एमआरआई मशीन मिली है जिसका ट्रायल शुरू हो चुका है। एमआरआई मशीन से गरीब मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। ट्रायल के तौर पर केवल 15-20 मरीज का ही एमआरआई किया जा रहा है। कुछ ही दिनों में यह पूरी क्षमता के साथ काम करेगी और हर रोज 80 से 100 मरीजों का एमआरआई किया जा सकेगा। मेडिकल में अप्रैल महीने के पहले हफ्ते में नई एमआरआई मशीन पहुंची थी। इसे पुरानी मशीन के स्थान पर लगाया जाना था। इसलिए संबंधित हॉल में बदलाव किया गया। मेडिकल की पुरानी एमआरआई मशीन 10 साल पुरानी थी। 2018 में वह खराब हो गई थी। इसके बावजूद उसे जैसे-तैसे चलाया जा रहा था। मरीजों को मेयो या दूसरे निजी अस्पतालों में जाकर एमआरआई करवाना पड़ता था। कई बार आर्थिक समस्या के चलते मरीज एमआरआई नहीं करवाते थे। मरीजों के समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती थी। तत्कालीन अधिष्ठाता डॉ. अभिमन्यु निसवाडे ने नई मशीन खरीदने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा था। मशीन के लिए आवश्यक निधि की मांग की गई थी।
मशीन की कीमत बढ़ने से 2019 से अटका था मामला
2019 में तत्कालीन पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने एमआरआई मशीन के लिए खनिकर्म विभाग निधि उपलब्ध कराई थी। यह निधि हाफकिन बायोफार्मा कंपनी को सौंपी गई थी। उस समय 15 करोड़ रुपए दिए गए थे, लेकिन समय पर खरीदी प्रक्रिया पूरी नहीं होने से मशीन की कीमत बढ़ गई। तीन साल यूं ही बीत गए। तीन साल बाद 2022 में इसकी कीमत 3.29 करोड़ से बढ़ गई। इसका पता तब चला जब नए सिरे से खरीदी प्रक्रिया शुरू की गई। निधि उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी से संपर्क किया गया। जिलाधिकारी ने प्रयास कर निधि उपलब्ध कराई। डॉ. निसवाड़े के बाद अधिष्ठाता डॉ. सुधीर गुप्ता ने इस संबंध में सरकार से काफी पत्राचार किया। संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ कई बैठकें हुईं और इसे गंभीरता से लिया गया। तब नई मशीन आ पाई। इसे शुरू करने में डेढ़ महीने का समय लगा।