प्रकाश अंबेडकर का दावा- भिडे की गिरफ्तारी टालने की गई छापामारी

प्रकाश अंबेडकर का दावा- भिडे की गिरफ्तारी टालने की गई छापामारी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-18 15:24 GMT
प्रकाश अंबेडकर का दावा- भिडे की गिरफ्तारी टालने की गई छापामारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने दावा किया कि भीमा- कोरेगांव हिंसा के आरोपी संभाजी भिडे की गिरफ्तारी टालने के लिए प्रदेश सरकार ने कबीर कला मंच और रिपब्लिकन पैंथर पार्टी से जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भिडे को बचाने के लिए यह कार्रवाई की है। आंबेडकर ने कहा कि आगामी शीतकालीन सत्र के पहले यदि भिडे को गिरफ्तार नहीं किया गया तो हम विधानमंडल का घेराव करेंगे। बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में आंबेडकर ने छापेमारी की कार्रवाई की निंदा की। आंबेडकर ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि यह कार्रवाई केंद्र सरकार ने की है लेकिन इसमें कोई सच्चाई नहीं है। क्योंकि छापेमारी की कार्रवाई पुणे के फरासखाना पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने की है। आंबेडकर ने कहा कि नागपुर के सुधीर ढवले को साल 2011 में नक्सलवादी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन साल 2014 में गोंदिया की अदालत ने उन्हें निर्दोष करार दिया था। इसके साथ ही कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं के खिलाफ अदालत में मामला चला। किंतु उनके खिलाफ सबूत न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया था। आंबेडकर ने कहा कि एल्गार परिषद की हर्षाली पोतदार ने मुख्यमंत्री को अपने मोबाइल में कुछ सबूत दिखाए थे। कानूनी लड़ाई के लिए यह सबूत जरूरी थे। लेकिन सभी सबूतों को नष्ट करने के लिए छापामारी की कार्रवाई की गई। 

कार्रवाई क्या आरएसएस के इशारे पर हुई है?

आंबेडकर ने कहा कि पुलिस सबसे ज्यादा लैपटॉप, पेन ड्राइव और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट को जब्त करने पर जोर दे रही थी। उन्होंने ने दावा किया कि कार्रवाई के दौरान आरएसएस का कार्यकर्ता भी पुलिस के साथ था। इससे आशंका हो रही है कि यह
आंबेडकर ने कहा कि पिछले छह महीनों से मुंबई के माटुंगा पुलिस स्टेशन के अधिकारी मुझ पर नजर रखे हुए हैं, लेकिन पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा है। उन्होंने कहा कि मेरी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। 
 

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