तीन नीलगाय और दो जंगली सुअरों का करंट लगाकर किया शिकार
अड्याल वन परिक्षेत्र की घटना तीन नीलगाय और दो जंगली सुअरों का करंट लगाकर किया शिकार
डिजिटल डेस्क, भंडारा। वन्यजीवों का शिकार व आरोपियों की धरपकड़ के मामले थमते नजर नहीं आ रहे हैं। सोमवार की दोपहर लाखनी वन परिक्षेत्र कार्यालय में एक आरोपी को मांस की बिक्री करते पकड़ा गया था। जांच आगे बढ़ी तो पिछले 48 घंटों में कुल पांच वन्यजीवों का शिकार होने की बात सामने आई है। वन विभाग ने मंगलवार को और एक आरोपी को गिरफ्तार किया। अब तक कुल दो लोगों की गिरफ्तारी की है। शिकारियों ने करंट लगाकर तीन नीलगाय तथा दो जंगली सुअर का शिकार किया है। मंगलवार 15 फरवरी को पकड़े गए आरोपी का नाम ग्राम किटाली निवासी तिवाडे बताया जा रहा है। वहीं एक दिन पहले 14 फरवरी को आरोपी किटाली निवासी चंद्रशेखर कैलाश वाघधरे को गिरफ्तार किया गया। उसे न्यायालय ने एक दिन के लिए वन हिरासत में भेजा था। दूसरे आरोपी को भी वन हिरासत में भेजा है। बता दें कि, सोमवार 14 फरवरी को लाखनी के पास सावरी/मुरमाडी ग्राम में विट्ठल दिघोरे के घर के पास चंद्रशेखर कैलाश वाघधरे यह वन्यजीवों के मांस की बिक्री कर रहा था। वन विभाग को घटना की जानकारी मिली तो लाखनी के वन परिक्षेत्र अधिकारी एस.पी. गोखले व उनके दल ने मौके से चंद्रशेखर वाघधरे को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में उसने बताया कि, तिवाडे नामक साथी शिकार करने में उसका साथ दे रहा था। दोनों ने मिलकर अड्याल वन परिक्षेत्र के तहत आने वाले जंगलों में वन्यजीवों का शिकार किया। वन विभाग ने शिकार के स्थान से कुल तीन नर नीलगाय तथा दो मादा जंगली सुअरों को मृत हालत में पाया। इसमें से दो नीलगाय व एक जंगली सुअर का मांस शिकारी पहले ही बेच चुके थे। उनकी केवल हडि्डयां मिली। वहीं एक नीलगाय व जंगली सुअर के शरीर का संपूर्ण हिस्सा मिला। वन विभाग ने दूसरे आरोपी को न्यायालय के सामने हाजिर किया। उसे भी वन हिरासत में भेजा गया। कार्रवाई उपवनसंरक्षक कुलराज सिंह, सहायक वनसंरक्षक आरपी राठोड़ के मार्गदर्शन में वनपरिक्षेत्र अधिकारी एसपी गोखले, सहायक क्षेत्र अधिकारी डीके राऊत, बीटरक्षक एसएस रंगारी, आरयू सैय्यद, उपसरपंच एसबी बागड़े ने की। वन विभाग ने वन्यजीवों के शिकार की जानकारी देने का आह्वान किया है। जानकारी देने वालों के नाम गुप्त रखे जाऐंगे।
चीतल के नाम पर बेच रहे थे नीलगाय का मांस : पकड़े गए आरोपी नीलगाय का मांस चीतल का बताकर नागरिकों को बेच रहे हैं। शव विच्छेदन में पता चला कि, जो मांस चीतल का बताया जा रहा है वह नीलगाय का है।
आधा कि.मी. तक के परिसर में लगा रखा था करंट
पकड़े गए शिकारी अपने कार्य में माहिर नजर आ रहे हैं। शिकारियों ने जंगल में लगभग आधे किमी तक बिजली की तार बिछाकर रखे थे। पिछले 48 घंटे में कुल पांच वन्यजीवों की शिकार से मृत्यु हुई है।
जांच चल रही है
एसपी गोखले, वन परिक्षेत्र अधिकारी के मुताबिक पकड़े गए आरोपी लाखनी तहसील के हैं, उन्होंने अड्याल वनपरिक्षेत्र के तहत शिकार किया है। आरोपियों से बयान लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहां शिकार किया है इसका पता लगाया जा रहा है।