नए साल में होगा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, इन्हें मिल सकती है नई जिम्मेदारी

नए साल में होगा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, इन्हें मिल सकती है नई जिम्मेदारी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-02 10:43 GMT
नए साल में होगा बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, इन्हें मिल सकती है नई जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नए साल की शुरुआत में राज्य के प्रशासन में बड़ा फेरबदल होने वाला है। मुख्य सचिव सुमित मलिक का महाराष्ट्र का मुख्य सूचना आयुक्त बनना तय हो गया है। जबकि मुख्य सचिव पद पर गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर श्रीवास्तव तथा वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दिनेश कुमार जैन में से किसी एक की नियुक्ति की चर्चा है। सूत्रों के अनुसार मुख्य सचिव का नाम तय होने के बाद प्रशासन में व्यापक फेरबदल होगा।  वर्ष 2019 में लोकसभा और उसके कुछ महीनों बाद ही विधानसभा चुनाव होंगे। इन चुनावों के मद्देनजर राज्य के मुख्यमंत्री विकास योजनाओं को गति देना चाहते हैं। इसके लिए तेजतर्रार अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देना चाहते हैं। इसलिए मुंबई मनपा आयुक्त अजोय मेहता, एमएमआरडीए आयुक्त यूपीएस मदान, राजस्व विभाग के प्रधान सचिव मनु कुमार श्रीवास्तव, सिडको के प्रबंध निदेशक भूषण गगराणी को नई जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। 

1 जून, 2017 से रिक्त है मुख्य सूचना आयुक्त का पद

राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त रहे रत्नाकर गायकवाड़ का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से बीते 1 जून 2017 से यह पद रिक्त है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि यह पद जल्द से जल्द भरा जाए। इसलिए राज्य सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त पद पर मलिक की नियुक्त के लिए राज्यपाल से सिफारिश की है। मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त होने से पहले किसी और पद पर नियुक्त होने वाले मलिक दूसरे आईएएस अधिकारी होंगे। इसके पहले 2011 में मुख्य सचिव रहते जेपी डांगे को चौदहवें वित्त आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। 

सीएम पसंदीदा अधिकारी को सौंपेंगे जिम्मेदारी 

मुख्य सचिव पद पर नियुक्त के लिए सुधीर कुमार श्रीवास्तव और दिनेश जैन के नाम की चर्चा है। सेवा वरिष्ठता के अनुसार इस पद के लिए मदद व पुनर्वसन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव मेधा गाडगील का दावा भी बनता है। गाडगील के साथ ही श्रीवास्तव, जैन, यूपीएस मदान, उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील पोरवाल भी 1983 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। लेकिन मुख्य सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति के लिए केवल सेवा वरिष्ठता मापदंड नहीं होता। इस मामले में मुख्यमंत्री अपने अधिकारों का उपयोग कर नियुक्ति कर सकते हैं। 

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