कोई अधिकार नहीं है हथियार का लाईसेंस, संबंधित प्राधिकरण को है लाइसेंस देने का अधिकार 

हाईकोर्ट कोई अधिकार नहीं है हथियार का लाईसेंस, संबंधित प्राधिकरण को है लाइसेंस देने का अधिकार 

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-15 15:42 GMT
कोई अधिकार नहीं है हथियार का लाईसेंस, संबंधित प्राधिकरण को है लाइसेंस देने का अधिकार 

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में स्पष्ट किया है कि हथियार के लाइसेंस का दावाएक अधिकार के रुप में नहीं किया सकता है। बंदूक अथवा पिस्तौल का लाइसेंस प्रदान करना है कि नहीं यहकानूनी शर्तों को पूरा करने के बाद लाइसेंस जारी करनेवाले प्राधिकरण का कानूनी अधिकार है। मामला मुंबई निवासी रविंद्र साल्वी से जुड़ा हैं। जिन्हें 1992 में पिस्तौल व 12 बोर बंदूक का लाइसेंस जारी किया गया था लेकिन साल्वी के खिलाफ 1997 से 2009 के बीच आठ आपराधिक मामले दर्ज किए गए। इसलिए सक्षम प्राधिकरण ने साल्वी को नोटिस जारी करने के बाद उनके लाइसेंस को रद्द कर दिया था। जिसे चुनौती देते हुए साल्वी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।न्यायमूर्ति अजय गड़करी व न्यायमूर्ति पीडी नाइक की खंडपीठ के सामने साल्वी की याचिका पर सुनवाई हुई। 

इस दौरान साल्वी के वकील ने दावा किया कि मेरे मुवक्किल पर हथियार के दुरुपयोग को लेकर कोई आरोप नहीं लगाया गया है। आठ में से दो आपराधिक मामले याचिकाकर्ता के भाई ने दर्ज कराए हैं। जबकि 6 मामले एक ही शख्स ने दर्ज कराया है। आठ में से तीन मामलों में पुलिस ने याचिकाकर्ता के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है। लाइसेंस जारी करनेवाले प्राधिकरण ने जुलाई 2011 में लाइसेंस को रद्द करते समय इस पहलू पर विचार नहीं किया है। इसलिए हथियार के लाइसेंस को रद्द करने को लेकर सक्षम प्राधिकरण व  गृह राज्यमंत्री की ओर से लिया गया फैसला पूरी तरह से अवैध है। लिहाजा इसे रद्द कर दिया जाए। सरकारी वकील ने इस याचिका का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि इस मामले में याचिकाकर्ता के पक्ष को सुनने के बाद उसका लाइसेंस रद्द किया गया है। 

मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि कानून में यह स्थिति साफ तौर तय की गई है कि बंदूक का लाइसेंस प्रदान करना है कि नहीं यह कानूनी शर्तों को पूरा करने के बाद लाइसेंस जारी करनेवाले का कानूनी अधिकार है। एक अधिकार के रुप में लाइसेंस का दावा नहीं कर सकता है। इस मामले में अभी भी आरोपी के खिलाफ पांच आपराधिक मामले प्रलंबित है। हथियार का इस्तेमाल गवाहों को धमकाने के लिए किया जा सकता है। इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस मामले में हमें याचिकाकर्ता का लाइसेंस रद्द करने के आदेश में कोई खामी नजर नहीं आती है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है। 

कानून के तहत इस तय स्थिति का उल्लेख करते हुए बांबे हाईकोर्ट ने लाइसेंस के अधिकार को उपरोक्त बात कहीं है। हाईकोर्ट ने साफ किया कि लाइसेंसी हथियार का इस्तेमाल अपराध के लिए ही नहीं बल्कि गवाहों को धमकाने के लिए भी कि

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