मन में जज्बा हो, तो उम्र की कोई सीमा नहीं होती, फ्रीडम पार्क में मनाया उत्सव

वुमन भास्कर क्लब मन में जज्बा हो, तो उम्र की कोई सीमा नहीं होती, फ्रीडम पार्क में मनाया उत्सव

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-28 11:02 GMT
मन में जज्बा हो, तो उम्र की कोई सीमा नहीं होती, फ्रीडम पार्क में मनाया उत्सव

डिजिटल डेस्क, नागपुर. मन में जज़्बा हो तो उम्र की कोई सीमा नहीं रहती, फैशन स्पर्धा हो, रैंप पर जलवा बिखेरना हो या स्वादिष्ट पकवान बनाना हो, हर स्पर्धा में महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं और खिताब अपने नाम करती हैं। कुछ ऐसा ही देखने को मिला वुमन भास्कर क्लब, रायसोनी ग्रुप और विको के साथ महावीर मेवावाले के विशेष सहयोग से आयोजित वुमन भास्कर क्लब के "मकर संक्रांति उत्सव’ में। कार्यक्रम का आयोजन फ्रीडम पार्क में किया गया। उत्सव का शुभारंभ प्रमुख अतिथि ओबीसी महिला महासंघ की अध्यक्ष वृंदा ठाकरे, वुमन भास्कर क्लब की अध्यक्ष मीना जैन, फिटनेस हेल्थ क्लब की दीपाली करमरकर, विजेता पुण्यानी ( शेफ), भावना चपके (शेफ), अर्चना राठोड नेे दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति

मकर संक्रांति उत्सव में महिलाओं के लिए 4 स्पर्धाएं आयोजित की गई थीं, जिनमें तिल-गुड़, संक्रांति क्वीन, संक्रांति महारानी और हिंदी-मराठी उखाणे स्पर्धा शामिल थीं। कार्यक्रम में कला निकेतन द्वारा भगवान कृष्ण के गीत "मन मंदिर में सजे बिहारी’ और प्रभा निकेतन ग्रुप द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। प्रिया बाहिते ने सूफी संगीत "अरी कोई काजल लाओ जी’ पर शानदार नृत्य प्रस्तुत किया।

हिंदी-मराठी उखाणे स्पर्धा

उखाणे प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली महिलाओं को एक मिनट के अंदर अधिक से अधिक उखाणे बोलने थे, जिसमें अधिकांश महिलाओं ने अपने जीवनसाथी के नाम से उखाणे बोलीं। इस दौरान कुछ एक ने 10 से ज्यादा उखाणे कहे, वहीं कुछ महिलाएं 2-4 उखाणे ही बोल पाईं। इस दौरान उखाणे पर खूब ठहाके लगे। प्रतियोगिता की पहली विजेता पूनम गोयल और दूसरी सोनल तपाड़िया रहीं।

तिल-गुड़ स्पर्धा : स्पर्धा में तिल-गुड़ से बनाए गए व्यंजनों में रोहिणी देशकार ने काले तिल से स्पेशल डिश बनाई, जिसका नाम उन्होंने "ब्लैक मैजिक’ रखा। उसे बनाकर उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि दूसरे स्थान पर दीपिका जाजू रहीं, जिन्होंने तिल से बर्गर पेटिस बनाई थीं।
 

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