कृषि से जुड़े उद्योगों में हैं सुनहरे अवसर, नौकरी देने वाले बनें युवा : गडकरी
कृषि से जुड़े उद्योगों में हैं सुनहरे अवसर, नौकरी देने वाले बनें युवा : गडकरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय मंत्री तथा एग्रोविजन के मुख्य प्रवर्तक नितीन गडकरी ने कहा कि, स्थानीय उत्पादन पर आधारित उद्योग शुरू होने चाहिए। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग को कृषि व अन्न प्रक्रिया में सुनहरे अवसर हैं। इस अवसर को भुनाकर युवाओं से नौकरी करने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनने का आह्वान उन्होंने किया।
रेशमबाग मैदान में एग्रोविजन कार्यशाला, राष्ट्रीय कृषि प्रदर्शनी व संवाद कार्यक्रम अंतर्गत ‘विदर्भ में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग में कृषि व अन्न प्रक्रिया उद्योग में अवसर’ विषय पर आयोजित परिषद के उद्घाटन समारोह में वे संबोधित कर रहे थे। गडकरी ने कहा िक, लघु उद्योग में युवाओं को आगे बढ़ने के लिए काफी अवसर हैं। स्थानीय उत्पादन पर आधारित उद्योग खड़े करने पर ग्रामीण क्षेत्र का विकास हो सकता है। महाराष्ट्र में मीठा और खारा दो प्रकार का पानी है। मीठे पानी की शारजाह में आपूर्ति की जाती है। पूर्व विदर्भ के गड़चिरोली, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया जिलों में 6 हजार मालगुजारी तालाब हैं। वहां बड़े पैमाने पर धान का उत्पादन होता है। तालाबों में मत्स्य व्यवसाय करने पर स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सकता है। इसे बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के विशेषज्ञों ने कमेटी से अध्ययन करने की गडकरी ने सूचना दी। कोंकण में फूड प्रोसेसिंग होता है। तालाबों में सिंघाड़ा उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। मीठे पानी के झिंगा उत्पादन को अच्छी मांग है।
चायनीज फूड में सिंघाड़े के आटे का इस्तेमाल किया जाता है। रामटेक, पवनी, गड़चिरोली में राइस क्लस्टर तैयार किया जा रहा है। रामटेक में राइस क्लस्टर की शुरुआत होकर उच्च गुणवत्ता के चावल का निर्यात किया जा रहा है। विदर्भ की बंजर जमीन में बांबू उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। अगरबत्ती बनाने के लिए बांबू उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। कपास उत्पादन क्षेत्र में हिविंग क्लस्टर तैयार किया जा रहा है। शहद शुद्ध कर खादी ग्रामोद्योग के माध्यम से मार्केटिंग करनी जरूरी है। रेशम, धागा और शहद उत्पादन क्षेत्र में आर्थिक विकास के लिए युवाओं को प्राेत्साहित करने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया। मंच पर एमएसएमई के संचालक पी. एम. पार्लेवार, अतिरिक्त विकास आयुक्त आनंद शेरखाने, इनलैंड फिशरीज के सहसचिव सागर मेहरा, नितीन लोणकर, चंद्रशेखर शेवालकर, विजय जाधव, सी.डी. मायी, शिवकुमार राव, रमेश मित्तल, गिरीश गांधी, रवि बोरटकर आदि उपस्थित थे।
स्थानीय उत्पादन पर आधारित उद्योग अपनाएं
गडकरी ने कहा कि, औद्योगिक विकास के लिए सहयोग, समन्वय और संवाद इस त्रिसूत्री पर आगे बढ़ना होगा। तभी जाकर उद्योग में आगे बढ़ सकते हैं। विदर्भ में औष्णिक ऊर्जा प्रकल्प बड़े पैमाने पर है। इसमें से निकलने वाली फ्लॉयएश का उपयोग अनेक उत्पादनों में किया जा सकता है। स्थानीय उत्पादन पर आधारित उद्योग अपनाकर गांव-गांव में प्रोसेसिंग यूनिट स्थापन करने का गडकरी ने आह्वान किया।