काम खत्म भी नहीं हुआ और धंस गया वाकिंग ट्रैक, जगह-जगह उखड़ने भी लगा
काम खत्म भी नहीं हुआ और धंस गया वाकिंग ट्रैक, जगह-जगह उखड़ने भी लगा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगरपालिका के लोक निर्माण विभाग ने राजाबाक्षर मंदिर के पास गार्डन में वॉकिंग ट्रैक बनाने का काम किया है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि आम नागरिकों के लए गार्डन आरंभ होने तो छोड़े अभी तक गार्डन बनाने का काम भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में गार्डन में लगाए गए आई ब्लॉक (गट्टू) पर आम नागरिकों के अभी तक चार कदम भी नहीं पढ़े हैं, लेकिन वॉकिंग ट्रैक बनने के बाद धसकने के कारण जगह-जगह उखड़ गया है।
जानकारी के अनुसार राजाबाक्षा मंदिर के पास गार्डन बनाने का काम किया गया। इसमें वॉकिंग ट्रैक, ग्राउंड लेवलिंग सहित विभिन्न कार्य करने पर 14 लाख रुपए से अधिक रुपए खर्च किए गए। वित्तीय वर्ष 2018-19 का यह कार्य मनपा के लोक निर्माण विभाग द्वारा पूरा किया जा चुका है। आगे का कार्य मनपा का गार्डन विभाग द्वारा किया जाएगा। हैरानी की बात यह है कि ना तो गार्डन आरंभ हुआ और न ही गार्डन बनाने का कार्य पूरा हुआ उसके पहले ही गार्डन में चलने के लिए लगाए गए गट्टू धसकने लगे। वॉकिंग ट्रैक जगह-जगह से उखड़ रहा है और ऐसी स्थिति में यदि कोई चलता है तो उसका गिरना तय है।
वॉकिंग ट्रैक बनाने में घोटाला
गार्डन के वॉकिंग ट्रैक बनाने में घोटाले की बू आ रही है। वॉकिंग ट्रैक बनाने के लिए दोनों ओर सीमेंट की बीम डालकर उसके बीच में मटेरियल डाला जाता है लेकिन उचित मात्रा में मटेरियल ना डालने की वजह से वॉकिंग ट्रैक धसक गया है। वॉकिंग ट्रैक बनाने के लए विभिन्न लेयर डालने के बाद वॉकिंग ट्रैक बनाया जाता है, लेकिन इसमें ऐसा नहीं किया गया।
ले-आउट विकास कार्य एनएमसी से NIT को देने की मांग
572 व 1900 ले-आउट के प्लाटधारकों ने अगस्त 219 के शासनादेश को रद्द कर इन प्लाटों का विकासकार्य वापिस नागपुर विकास प्राधिकरण की मांग करते हुए मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, प्रधान सचिव, सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री, नासुप्रा सभापति तथा मनपा आयुक्त को पत्र लिख है। पत्र पर इन ले-आउट के सैंकड़ों प्लाटधारकों ने हस्ताक्षर किए हैं। पत्र में 27 अगस्त 2019 को जारी अधिसूचना को रद्द कर ले-आऊट विकासकार्य मनपा से वापस लेकर पुन: नासुप्रा से कराने की मांग की गई है।
पत्र में कहा गया है कि नासुप्रा गुंठेवारी 572 व 1900 ले-आउट का कार्य करती थी। इसमें डिमांड नोट आदि नक्शा का कार्य सुचारू रूप से होता था। अधिसूचना के बाद यह काय्र मनपा को यौंप दिया गया। मनपा कर्मियों को प्रक्रिया का पूरा ज्ञान न होने से प्लाटधारकों को काफी कठनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते नियमतीकरण का पूरा काम ठप पड़ गया है। भूखंडधारकों ने डिमांड की राशि भर दी है। इसके बावजूद ले-आउट का विकास कार्य नहीं हो रहा है। इससे भी प्लाटधारकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्लाट धारकों ने मांग की है कि अगस्त में जारी अधिसूचना रद्द कर वापस नासुप्रा को 572 व 1900 ले-आउट का काम दिया जाए।