दिसंबर तक निर्माण पूरा करने का है टारगेट, मगर लगता नहीं एक-डेढ़ वर्ष में भी हो पाएगा पूरा

स्लैब डालने के बाद बंद हो गया दूसरे पुल के चौड़ीकरण का कार्य दिसंबर तक निर्माण पूरा करने का है टारगेट, मगर लगता नहीं एक-डेढ़ वर्ष में भी हो पाएगा पूरा

Bhaskar Hindi
Update: 2022-12-26 12:08 GMT
दिसंबर तक निर्माण पूरा करने का है टारगेट, मगर लगता नहीं एक-डेढ़ वर्ष में भी हो पाएगा पूरा

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रेलवे द्वारा कराया जा रहा दूसरे पुल का चौड़ीकरण जनता के लिए नासूर बन रहा है। यहाँ आधा-अधूरा निर्माण कार्य और लंबा चौड़ा खुला गड्ढा मुसीबत बन गया है। वहीं दुघर्टना से बचने के फेर में आए दिन वाहनों का जाम लग रहा है। इन सब बातों से रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग बेपरवाह है। रेलवे के अधिकारी जिस काम को दिसंबर माह में पूरा करने का दावा कर रहे थे, वही निर्माण आने वाले एक से डेढ़ वर्ष में भी पूरा होते नजर नहीं आ रहा है। इस कार्य ने रेलवे के इंजीनियरों की लापरवाही को उजागर कर दिया है। 

सड़क से सटकर निर्माण कार्य से परेशानी

रेलवे स्टेडियम से एम्पायर की ओर जाने वाले मार्ग में हर वक्त वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। इस मार्ग पर दिन से लेकर देर रात तक यातायात का दबाव बना रहता है। रेलवे द्वारा दूसरे पुल के चौड़ीकरण का कार्य प्रारंभ करने के बाद अभी मात्र स्लैब ही डाला गया है, लेकिन वह भी सड़क लेवल से काफी नीचे है। अभी भी लंबा-चौड़ा गड्ढा नजर आ रहा है। सबसे बड़ी परेशानी यह है कि यहाँ निर्माण कार्य सड़क से एकदम सटकर कराया जा रहा है। सुरक्षा के नाम पर मात्र एक कपड़ा बाँधा गया है। एक चार-पहिया वाहन आने के बाद दूसरा वाहन उसे ओवरटेक करके निकलने की कोशिश नहीं करता है, हर वक्त दुघर्टना की संभावना बनी रहती है। इस कारण यहाँ दिन-भर जाम की स्थिति बन रही है।

पुल निर्माण में रेलवे की इंजीनियरिंग फेल

दूसरे पुल के निर्माण में जिस तरह से हीला-हवाली बरती जा रही है और समय पर कार्य पूरा नहीं कराया जा रहा है उससे एक बात तो साफ है कि इस कार्य में रेलवे की इंजीनियरिंग फेल हो गई है। यहाँ कभी जमीनी विवाद सामने आया था,जब इसे निपटा लिया गया तो अब निर्माण कार्य में लापरवाही बरती जा रही है जिसका खामियाजा यहाँ से आवागमन करने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

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