किसान आरक्षण संशोधनात्मक का प्रस्ताव कृषि मंत्री के समक्ष रखा

किसान आरक्षण संशोधनात्मक का प्रस्ताव कृषि मंत्री के समक्ष रखा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-09 10:09 GMT
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डिजिटल डेस्क,  नागपुर। शिवसेना उपनेता व पूर्व राज्यमंत्री अशोक शिंदे ने किसान आत्महत्या की रोकथाम के लिए किसान आरक्षण संकल्पना कृषि मंत्री दादाजी भुसे के सामने रखी। उसके बाद इस दिशा में कदम आगे बढ़ाने का फैसला पार्टी की तरफ से लिया गया है। कृषि मंत्री को किसान आरक्षण का संशोधनात्मक प्रस्ताव दिया गया। किसान आरक्षण संबंधी अधिकांश मुद्दे व प्रावधान केंद्र के अधीन होने से इन मुद्दों को केंद्र के पास भेजने का निर्णय हुआ है। 

मुद्दे केंद्र सरकार के अधीन
कृषि को मुनाफे में  लाने के लिए जरूरी प्रावधान के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण रोजगार निर्मिति व महिला सशक्तिकरण की उपयुक्त संकल्पना इस प्रस्ताव में रखी गई है।  प्रकल्पग्रस्तों की प्रलंबित समस्या के अलावा बेरोजगारी पर भी इसमें उपाय बताए गए हैं। किसान आरक्षण में प्रस्तावित हमी भाव तय करने की पद्धति, बैंकिंग पॉलिसी में परिवर्तन, पशु संवर्धन व दुग्ध व्यवसाय की नीति, खेती विरोधी कानून में संशोधन, शिक्षा नीति  व ग्रामीण जीवन प्रणाली में नागरिकांे के लिए संवैधानिक संशोधन आदि मुद्दे केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र के हैं। 

सुधार पर विचार हो
 खेती में निवेश का बोझ कम करने के उपाय, फसल बीमा का सशक्त विकल्प, बाजार पद्धति में सुझाए गए सुधार आदि उपाय राज्य स्तर पर कार्यान्वित करने पर विचार हो, इसके लिए श्री शिंदे ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समक्ष रखा है।  कृषि मंत्री दादाजी भुसे से इस संबंध में चर्चा भी की। कृषि मंत्री के साथ चर्चा के दौरान शिवसेना उपनेता अशोक शिंदे के अलावा, किसान आरक्षण के प्रणेता शैलेष अग्रवाल,  कृषि सचिव एकनाथ डवले, कृषि आयुक्त सुहास दिवसे उपस्थित थे। कामगार राज्यमंत्री बच्चू कडू, राष्ट्रवादी के  सुधीर कोठारी, कांग्रेस नेता अमर काले, पूर्व विधायक  राजू तिमांडे ने इसका समर्थन करने का दावा किया गया  है। 
 
 

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