महाराष्ट्र : अनाथों को सरकारी नौकरियों में मिलेगा आरक्षण
महाराष्ट्र : अनाथों को सरकारी नौकरियों में मिलेगा आरक्षण
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरियों में सामान्य श्रेणी में एक प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। बुधवार को राज्य मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया। इसके अनुसार अनाथ बच्चों को सामान्य श्रेणी में एक प्रतिशत समानांतर आरक्षण दिया जाएगा। अनाथ बच्चों के पुनर्वास और उनके भविष्य को सुरक्षित करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। महिला व बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने बताया कि राज्य में जिन बच्चों के माता-पिता नहीं होने के कारण वे अनाथ हैं और उन्हें अपनी जाति के बारे में पता नहीं है। ऐसे अनाथ बच्चों को नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सकेगा।
लाभ से वंचित रहना पड़ता था
पंकजा ने कहा कि फिलहाल सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करते समय जाति के कॉलम में अनाथ बच्चे क्या लिखें, इसको लेकर दुविधा रहती है। ऐसे अनाथ बच्चों को किसी विशिष्ट श्रेणी में शामिल नहीं किया जा सकता। इस कारण उन्हें शिक्षा, आर्थिक, सामाजिक सहूलियत और लाभ से वंचित रहना पड़ता है। उनको भविष्य में भी मुश्किलें होती हैं। लेकिन सरकार के फैसले से अब अनाथ बच्चे खुले श्रेणी के पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे।
एमपीएससी परीक्षा पास करने वाली अनाथ लड़की से प्रभावित हुए सीएम
मंत्रिमंडल के इस फैसले के बाद राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सही मायनों में अनाथों बच्चों के नाथ बन गए। रहाटकर ने कहा कि राज्य सरकार को अब कदम आगे चलते हुए 18 साल पूरे कर चुके अनाथ बच्चों के लिए एक नीति बनानी चाहिए। 18 साल की आयु सीमा 21 साल तक बढ़ाने पर भी विचार करना चाहिए। रहाटकर ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 10 जनवरी को एक कार्यक्रम में इसकी घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने बताया था कि एमपीएससी में सफलता प्राप्त करने वाली अमृता को सरकारी नौकरी से वंचित रहना पड़ रहा है क्योंकि वह अनाथ हैं। इस वजह से उसकी मेरिट नहीं बन सकी। अमृता ने सीएम से मुलाकात अपनी समस्या बताई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस तरह का कानून बनाने की बात कही थी।