जिले का इकलौता विद्यालय, जहां माध्यमिक कक्षा के छात्रों को पढ़ाने के लिए नहीं मासाब

भोपाल के अफसरों की सुस्ती से बिगड़ रहा भविष्य जिले का इकलौता विद्यालय, जहां माध्यमिक कक्षा के छात्रों को पढ़ाने के लिए नहीं मासाब

Bhaskar Hindi
Update: 2023-01-19 12:56 GMT
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डिजिटल डेस्क,कटनी। विजयराघवगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत गैरतलाई माध्यमिक विद्यालय संभवत: जिले का इकलौता विद्यालय हैं, जहां पर 212 बच्चे दर्ज हैं, लेकिन पढ़ाने के लिए यहां पर शिक्षक ही नहीं हैं। दरअसल यह समस्या डाइस कोड में लेट-लतीफी के चलते पिछले तीन वर्ष से निर्मित है। एक साला एक परिसर के तहत जहां इस परिसर से कक्षा नवमीं से लेकर कक्षा बारहवीं तक का स्कूल यहां से दो किलोमीटर दूर नई बिल्डिंग में चला गया। जिसके बाद इस स्कूल को अलग ही शिक्षा विभाग नहीं मान रहा था।

किसी तरह से यह समस्या दूर हुई तो पोर्टल की विसंगति बच्चों के भविष्य को अंधकारमय बनाने में तुली है। वर्तमान समय में प्राथमिक स्कूल के 2 शिक्षक ही अपनी कक्षाओं के साथ-साथ यहां पर अध्ययन कराते हैं। पांचवीं और आठवीं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में भी शामिल होना है। ऐसे में अभिभावकों को चिंता सता रही है। 

बैग से नहीं निकल पातीं किताबें

यहां पर तो कई-कई दिन बच्चों के बैगों से किताबें भी नहीं निकल पाती। एक तरफ समग्र शिक्षा अभियान के तहत शैक्षणिक व्यवस्था को सुधारने में अधिकारी स्कूलों में जा रहे हैं, तो दूसरी तरफ इस स्कूल के बच्चे पढ़ाई में धीरे-धीरे पिछड़ते जा रहे हैं। स्कूल में शिक्षकों की कमीं के चलते अभिभावक भी अपने बच्चों को रोजाना स्कूल भेजने में कम ही रुचि दिखाते हैं।

खाली रहती हैं 6 कक्षाएं

नियमों के मुताबिक प्रत्येक कक्षाओं का संचालन होना है। कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक 355 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। यहां पर रोजाना यह स्थिति निर्मित रहती है कि पूरे समय6-6 कक्षाएं रिक्त पड़ी रहती हैं। कक्षा पहली से लेकर कक्षा आठवीं तक कक्षाओं का संचालन जुगाड़ के भरोसे ही होता है। खाली कक्षाओं में पढऩे और पढ़ाने की जिम्मेदारी यहां के बच्चों के ऊपर ही रहती है। शिक्षकों की कमी का असर पूरे विद्यालय में ही पड़ रहा है।

अफसरों ने बंद की आंखें

इस स्कूल में शिक्षकों की कमीं को देखते हुए शिक्षा विभाग ने जरुर पहल की है, लेकिन भोपाल के अफसर समस्याओं को लेकर आंखें बंद किए हुए हैं। चालू शैक्षणिक सत्र में संकुल प्राचार्य से लेकर बीईओ और डीईओ कार्यालय द्वारा भी इसकी जानकारी भोपाल के अधिकारियों को लिखित रुप से दी जा चुकी है। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो सका है। इसी शैक्षणिक सत्र में भोपाल और जबलपुर के अधिकारी जिले के भ्रमण में पहुंचे हुए थे। इसके बावजूद ऐसे स्कूलों की तरफ किसी ने भी अपनी नजरें नहीं घुमाईं।

इनका कहना है

चालू शैक्षणिक सत्र में पोर्टल में विसंगति को लेकर डीईओ और बीईओ कार्यालय से पत्राचार किया जा चुका है। इसके बावजूद पोर्टल में सुधार कार्य नहीं कराया गया। जिसके चलते अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं हो पा रही है। वर्तमान समय में एकीकृत स्कूल में दो ही स्थाई शिक्षक हैं।
- ए. के. कोरी, बीईओ विजयराघवगढ़
 

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