हाईकोर्ट ने पहाड़ों पर निर्माण कार्य पर रोक लगाने को ठहराया सही, बिल्डरों की याचिका खारिज 

हाईकोर्ट ने पहाड़ों पर निर्माण कार्य पर रोक लगाने को ठहराया सही, बिल्डरों की याचिका खारिज 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-11 14:17 GMT
हाईकोर्ट ने पहाड़ों पर निर्माण कार्य पर रोक लगाने को ठहराया सही, बिल्डरों की याचिका खारिज 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस निर्णय को सही ठहराया है, जिसके तहत पहाड़ की चोटी, पहाड़ियों के ढलान और पहाड़ के 100 मीटर के दायरे में निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई है। जस्टिस एससी धर्माधिकारी व जस्टिस भारती डागरे की बेंच ने सरकार के इस निर्णय के खिलाफ बिल्डरों व हाउसिंग सोसायटी की ओर से दायर कई याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है।

बेंच ने कहा कि सरकार ने पर्यावरण के संरक्षण व प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम के लिए यह फैसला लिया है। क्योंकि अतीत में पहाड़ों के भूस्खलन के कई मामले सामने आए हैं। पर्यावरण के संतुलन के लिहाज से सरकार का यह निर्णय उचित है। सुनवाई के दौरान यचिकाकर्ताओं ने बेंच के सामने दावा किया कि सरकार इस तरह के शासनादेश के जरिए मुंबई व पुणे जैसे बड़े शहरों के विकास प्रारुप में दखल दे रही है। यह नियमों के खिलाफ है।

वहीं सरकारी वकील ने बेंच के सामने कहा कि सरकार ने व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए और आपदाओं को रोकने के लिए पहाड़ पर निर्माण कार्य पर रोक लगाई है। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित होना चाहिए और यदि सरकार आपदाओं को रोकने के लिए समय रहते कदम उठा रही है तो हमे इसमें कुछ भी खामी नजर नहीं आता। क्योंकि अतीत में पहाड़ों में हुए भूस्खलन के कई मामले सामने आए हैं।

बेंच ने स्पष्ट किया कि शहरी इलाकों में आबादी बढ़ने के चलते शहरों का विस्तार हो रहा है और घरों की मांग बढ़ रही है, लेकिन सिर्फ इसलिए पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में निर्माण कार्य की इजाजत नहीं दी जा सकती है। यह कहते हुए बेंच ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया और सरकार की ओर से नवंबर 2017 में जारी शासनादेश को सही ठहराया।

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