लोकतंत्र का गला दबा रही सरकार-प्रकाश आंबेडकर
लोकतंत्र का गला दबा रही सरकार-प्रकाश आंबेडकर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में संभाजी भिडे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सोमवार को होने वाले यलगार मोर्चे की इजाजत न मिलने से भारिप नेता प्रकाश आंबेडकर नाराज हो गए हैं। मुंबई पुलिस द्वारा मोर्चे की इजाजत देने से इनकार करने के बाद आंबेडकर ने कहा कि कुछ भी हो जाए मोर्चा जरूर निकलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार बुरे लोगों को बचा रही है और अच्छे लोगों को सजा दे रही है हम यह स्वीकार नहीं करेंगे।
सीएसटी में एकजुट होकर बनाएंगे रणनीति
प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि सरकार संभाजी भिडे को गिरफ्तार न कर लोकतंत्र का गला दबा रही है। जिन्होंने हमला किया सरकार उन्हें गिरफ्तार नहीं कर रही है और जिन्होंने मार खाई उन पर पाबंदी लगाई जा रही है। हम यह बर्दास्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अब सरकार के खिलाफ एक बार फिर विरोध रास्ते पर दिखाई देगा। अगर मोर्चे में कोई अप्रिय घटना हुई तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी। महाराष्ट्रभर से लोग मोर्चे के लिए निकल गए हैं अब उन्हें रोकना मुश्किल होगा। सीएसटी में एक जुट होकर हम आगे की रणनीति बनाएंगे।
संभाजी भिड़े की गिरफ्तारी पर अड़े
आंबेडकर ने आरोप लगाया कि संभाजी भिडे के चलते भीमा कोरेगांव हिंसा हुई उन्होंने संभाजी भिडे और मिलिंद एकबोटे को इसके लिए जिम्मेदार बताया था। एकबोटे को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है लेकिन संभाजी भिडे की गिरफ्तारी नहीं हुई। आंबेडकर ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर भिडे की गिरफ्तारी की मांग की थी। ऐसा न होने पर 26 मार्च को भायखला से विधानभवन तक एल्गार मोर्चा निकालने की बात कही थी लेकिन पुलिस ने परीक्षा के दौरान छात्रों को परेशानी का हवाला देते हुए मोर्चे की इजाजत देने से इनकार कर दिया। हालांकि पुलिस ने आजाद मैदान में प्रदर्शन की इजाजत दी है। लेकिन आंबेडकर मोर्चा निकालने पर अड़े हुए हैं।
मिला था मंत्री पद का प्रस्ताव
प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि मुझसे किसी को राजनीतिक रूप से डरने की जरूरत नहीं है। मुझे कभी मंत्री पद का लालच नहीं था। मौजूदा सरकार और इससे पहले की सरकार ने मुझे मंत्रिपद का प्रस्ताव दिया था।