चरित्र संदेह पर पुलिस के पूर्व मुखबिर ने 3 दोस्तों के साथ मिलकर फेरी वाले की हत्या कर जलाई थी लाश
सतना चरित्र संदेह पर पुलिस के पूर्व मुखबिर ने 3 दोस्तों के साथ मिलकर फेरी वाले की हत्या कर जलाई थी लाश
डिजिटल डेस्क,सतना। मझगवां थाना क्षेत्र के तेंदूडांड़ी जंगल में मिली अधजली लाश की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने अपने ही पूर्व मुखबिर समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से मृतक की बाइक, मोबाइल और हत्या में प्रयुक्त डंडे जब्त किए गए हैं। आरोपियों को न्यायालय में पेश कर एक दिन की रिमांड मंजूर कराई गई है। एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि बीते 22 फरवरी की सुबह घने जंगल में अधजली लाश मिली थी, जिस पर मर्ग कायम कर जांच शुरू की गई। तब लगभग एक सप्ताह बाद मुखबिर के जरिए पता चला कि पिछले कई महीनों से रोहनिया में पप्पू गोंड़ के घर रहने वाला सेठ उर्फ नितिन पटेल नामक युवक लाश मिलने के 10 दिन पहले से गायब है। लिहाजा एसडीओपी प्रभा किरण किरो के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर 10 हजार का इनाम घोषित कर दिया गया।
ऐसे जुड़ीं कडिय़ां:-
एसआईटी ने पप्पू को बुलाकर पूछताछ की तो उसने बताया कि सेठ नामक युवक 6 माह से उसके घर पर रहकर कपड़ों की फेरी लगाता था, मगर गांव के ही विजय सिंह गोंड़ 44 वर्ष को उसके चाल-चलन पर आपत्ति थी। कमाई के पैसों से गांव के लोगों को शराब पिलाने, कपड़ों की फेरी के बहाने महिलाओं से बातचीत और चोरी का भी संदेह था। ऐसे में विजय ने सेठ को गांव छोड़कर जाने के लिए धमकाया था, जिस पर 10 फरवरी को सेठ ने उसका घर तो छोड़ दिया, मगर अजय गोंड़ के मकान में रुक गया। इसके बाद से ही युवक को किसी ने नहीं देखा।
यूं की वारदात:-
इस सुराग पर पुलिस ने फौरन विजय को पकड़ा और कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपने ही गांव के शीतल उर्फ राजकुमार सिंह गोंड़ पुत्र दुर्योधन सिंह 30 वर्ष, राजकुमार सिंह उर्फ चुनकू पुत्र भगत सिंह गोंड़ 35 वर्ष एवं नीरज सिंह गोंड़ 24 वर्ष निवासी खोखला के साथ मिलकर 10 फरवरी की रात को अजय के घर से सेठ को अगवाकर लाठी-डंडों से पीटते हुए तेंदूडांड़ी जंगल ले जाने और सिर पर पत्थर पटक कर हत्या करने के बाद लाश को पेट्रोल डालकर जला देने का जुर्म स्वीकार कर लिया। डकैतों की सक्रियता के दौर में पुलिस के मुखबिर रहे विजय को पुलिसिया कार्रवाई के बारे में काफी कुछ जानकारी थी, ऐसे में सबूत मिटाने और गुमराह करने के इरादे से मृतक का मोबाइल और बाइक देकर नीरज व शीतल को राजस्थान भेज दिया था। उसके बयान पर राजकुमार, शीतल व नीरज को भी गिरफ्तार कर बाइक, मोबाइल एवं डंडे जब्त कर लिए गए।
फोन से हुई पहचान:-
पप्पू के जरिए मिले सेठ के मोबाइल नम्बर की सीडीआर और टॉवर लोकेशन निकालने पर उसकी मौजूदगी पिछले 6 महीनों से रीवा, पन्ना एवं रोहनिया में पाई गई तो उत्तरप्रदेश के कानपुर समेत कई शहरों के फोन नम्बर भी मिले। तब यूपी पुलिस की मदद से पहचान की पुष्टि के प्रयास शुरू किए गए और 5 मार्च को उसके मामा से सम्पर्क हो गया, जिसके जरिए पता चला कि मृतक का पूरा नाम मुकेश सचान उर्फ सेठ पुत्र शिवनाथ सचान कटियार 40 वर्ष, निवासी देवकली पिल्लौर जिला कानपुर (यूपी), माता-पिता की मौत लगभग डेढ़ दशक पहले हो गई थी, तभी से वह घर छोड़कर अलग-अलग जगहों पर घूम रहा था।
बाइक चोरी में भी रहा लिप्त:-
मृतक की पहचान प्रमाणित होने पर जब ग्रामीणों से पूछताछ की गई तो यह बात भी सामने आई कि सेठ उर्फ नितिन उर्फ मुकेश ने बाइक एजेंसी का कर्मचारी बनकर पिछले 6 महीनों में कम कीमत पर 7 गाडिय़ां बेंची थी। यूपी में भी इसी तरह की वारदातों में लिप्त रहने के प्रमाण मिले हैं।