चुनाव में लगी बसों का अब तक नहीं मिला किराया, अधिकारी कर रहे टालमटोल

चुनाव में लगी बसों का अब तक नहीं मिला किराया, अधिकारी कर रहे टालमटोल

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-02 09:40 GMT
चुनाव में लगी बसों का अब तक नहीं मिला किराया, अधिकारी कर रहे टालमटोल

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   विधानसभा चुनाव प्रक्रिया में लगी एसटी बसों का किराया अब तक नहीं मिला है। करीब तीन महीन से लगभग 8 लाख रुपए की राशि बकाया है। ऐसे में पहले से घाटे में चल रही एसटी बसों की परेशानी बढ़ने का चित्र साफ हो रहा है। सूत्रों की माने तो हाल ही में विधानसभा चुनाव में लगी बसों का भी किराया बकाया है। हालांकि संबंधित अधिकारी इस मामले में टालमटाल रवैया अपना रहे हैं। अक्टूबर माह के 21 तारीख को विधानसभा चुनाव था। शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में भी चुनाव प्रक्रिया के लिए विभिन्न बूथ की व्यवस्था होने से चुनाव सामग्री व बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी। बूथ पर सुबह आने से लेकर ईवीएम मशीन को एक जगह से निर्धारित जगह तक पहुंचाने के लिए हर बार की तरह इस बार भी राज्य मार्ग परिवहन महामंडल की एसटी बसों को प्राथमिकता दी गई। 

नागपुर विभाग से कुल 270 बसें
नागपुर विभाग से कुल 270 बसों को 20 व 21 अक्टूबर ऐसे दो दिन के लिए बुक किया गया। जिसके लिए प्रति किमी 50 रुपए किराया भी दिया जाने वाला था। हालांकि इससे पहले हुए चुनाव प्रक्रिया में कम बसों की जरूरत लगी थी, लेकिन इस बार विभाग अंतर्गत 270 बसों को बुक किया गया था। यह बसें ग्रामीण इलाकों में लगाई गई और शहर के लिए शहर बस सेवा आपली बस को जिम्मा दिया गया था। दो दिन  270 बस चलाई गई, प्रति किमी 50 रुपए के अनुसार हर बस का कम से कम 300 किमी का किराया लिया जाना निर्धारित था।

ऐसे में करीब  8 लाख रुपए किराया मिलना तय था। जो किराया राशि अभी तक प्रशासन को नहीं मिली है। इसके अलावा शीतसत्र में लगी बसों का भी किराया बकाया है। एसटी बस वैसे ही घाटे में चल रही है। ऐसे में इतनी बड़ी राशि को बकाया रखना प्रशासन की परेशानी बढ़ाने की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। केवल गणेशपेठ बस स्टैंड की बात करे तो दिसंबर माह में 3 बार डीजल खत्म की स्थिति भी आ गई थी।  इस संबंध में एसटी प्रशासन का पक्ष जानने के लिए अतिरिक्त विभाग नियंत्रक का जिम्मा संभाल रहे एमईओ संजय रामटेके से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने टालमटाेल रवैया अपनाया। 
           

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