दुष्कर्म पीडि़त किशोरी को मिली 24 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति

दुष्कर्म पीडि़त किशोरी को मिली 24 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-13 16:22 GMT
दुष्कर्म पीडि़त किशोरी को मिली 24 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति



डिजिटल डेस्क जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने दुष्कर्म पीडि़त किशोरी के 24 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति दे दी है। एकलपीठ ने राज्य शासन और चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तीन दिन के भीतर गर्भपात की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
यह है मामला-
यह याचिका जबलपुर जिले के भेड़ाघाट थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति द्वारा दायर की गई थी। याचिका में कहा गया कि उसकी नाबालिग पुत्री दुष्कर्म का शिकार हुई थी। परिवार वालों को इस घटना की जानकारी उस समय हुई, जब उसे 23 सप्ताह का गर्भ हो चुका था। अधिवक्ता समदर्शी तिवारी और प्रणय चौबे की ओर से कहा गया कि किशोरी शारीरिक और मानसिक रूप से बच्चे को जन्म देने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए उसे गर्भपात की अनुमति दी जाए। शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता प्रियंका मिश्रा ने पक्ष प्रस्तुत किया।
मेडिकल जाँच के आधार पर दिया आदेश-
एकलपीठ के आदेश पर 8 मई को नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के गायनाकोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. गुइन, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्चना सिंह एवं डॉ. भारती साहू ने किशोरी की जाँच की। जाँच में कहा गया कि किशोरी को 24 सप्ताह का गर्भ है। चिकित्सकों की देखरेख में किशोरी का गर्भपात कराया जा सकता है। मनोचिकित्सा विभाग के डॉ. ओपी रायचंदानी ने भी बताया कि किशोरी बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती है। एकलपीठ ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर किशोरी के 24 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति दे दी है।

 

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