व्हाट्सएप ग्रुप निष्ठा में अश्लील वीडियो के लिंक , शेयर करने के मामले में अंतत: शिक्षिका निलंबित

सतना व्हाट्सएप ग्रुप निष्ठा में अश्लील वीडियो के लिंक , शेयर करने के मामले में अंतत: शिक्षिका निलंबित

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-09 11:18 GMT
व्हाट्सएप ग्रुप निष्ठा में अश्लील वीडियो के लिंक , शेयर करने के मामले में अंतत: शिक्षिका निलंबित

डिजिटल डेस्क, सतना। शिक्षा विभाग के एक अकादमिक गु्रप (व्हाट्सएप) निष्ठा में आपत्तिजनक अश्लील वीडियो के लिंक शेयर करने के आरोप में लोक शिक्षण के संयुक्त संचालक ने अंतत: शासकीय हाईस्कूल कामता टोला की एक चर्चित माध्यमिक शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबित शिक्षिका को बीईओ कार्यालय सोहावल से अटैच किया गया है। जांच में शिक्षिका का यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम १९६५ के विपरीत गंभीर कदाचरण माना गया है। माना गया है कि इस कदाचरण से शिक्षा विभाग की छवि धूमिल हुई है। अकादमिक गु्रप निष्ठा से अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं प्राचार्य भी जुड़े हुए थे। उल्लेखनीय है, विगत वर्ष मार्च में मामले को दबाने की लामबंदी पर दैनिक भास्कर ने कई सनसनी खेज पर्दाफाश किए थे। 
क्या है पूरा मामला :-----  
ऑनलाइन शैक्षणिक प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के उदेश्य से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निष्ठा नाम से अकादमिक प्रोग्राम संचालित है। इसके तहत जनशिक्षा केंद्र स्तर पर व्हाट्सएप गु्रप बनाए गए हैं।  पिछले साल अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ८ मार्च को सुबह पौने ८ बजे जनशिक्षा केंद्र कन्या धवारी के निष्ठा व्हाट्सएप के गु्रप को लेकर तब हालात हंगामाई हो गए थे, जब गु्रप मेंबर और हाईस्कूल की एक बहुचर्चित शिक्षिका ने एक के बाद एक महज ६ मिनट के अंदर पोर्न वीडियो के ११ लिंक पोस्ट कर दिए। जिस वक्त यह शर्मनाक हरकत हुई उस वक्त गु्रप से २५६ मेंबर जुड़े हुए थे। जिनमें सर्वाधिक ७० फीसदी शिक्षिकाएं थीं।  ६३ मेंबर ने तत्काल गु्रप छोड़ दिए थे। 
काम नहीं आई लामबंदी :-------- 
स्टडी मैटेरियल के नाम पर ऑनलाइन अकादमिक प्रोग्राम में पोर्न वीडियो अपलोड करने का मामला संज्ञान में आने पर डाइट के प्राचार्य नीरव दीक्षित ने सोहावल जनपद के बीआरसीसी को जांच के निर्देश दिए थे। मगर, बीच में कूद कन्या धवारी के प्राचार्य और जन शिक्षा केंद्र के प्रभारी ने आरोपी शिक्षिका का बचाव करने करते हुए स्वयं बीआरसी के समक्ष (पत्र  क्रमांक/३६१) जवाब दाखिल कर दिया था । मगर, संगीन मामला वक्त के साथ ठंडे बस्ते में जमने नहीं पाया। बात लोक शिक्षण के संयुक्त संचालक तक पहुंची और शिक्षिका को अंतत: निलंबित कर दिया गया।

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