बच्चों के सपनों को अभियक्ति देने ‘मतदान’ का सहारा, पर्चियों के आधार पर तैयार होगी रिपोर्ट
बच्चों के सपनों को अभियक्ति देने ‘मतदान’ का सहारा, पर्चियों के आधार पर तैयार होगी रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बच्चों के विकास व कल्याण के लिए कार्यरत गैरसरकारी संस्था चाइल्ड राइट एंड यू (क्राय) ने राजनीतिक दलों द्वारा बच्चों से संबंधित मसलों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने के लिए ‘माक वोटिंग बूथ’ अभियान की शुरुआत की है। क्राय का मानना है कि बच्चे देश का भविष्य है देश की जनसंख्या में उनकी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है। आम तौर पर बच्चों की आवाज नेताओं तक नहीं पहुंच पाती है। इसलिए क्राय ने बच्चों की इच्छा व अपेक्षाओं को नेताओं तक पहुंचाने के लिए मॉक वोटिंग बुथ अभियान की शुरुआत की है। जिसके तहत क्राइ ने महानगर के मॉल में वोटिंग बूथ बनाए हैं। जहां बच्चों और उनके अभिभावकों से बच्चों की बुनियादी जरूरतों को लेकर प्रतिकात्मक मतदान कराया जा रहा है। बच्चों से संबंधित मसलों वाली पर्ची को लोग मतपेटी में डालते हैं। बाद में इन पर्चियों में लिखि गई बातों के आधार पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी। ताकि मतदान न करने वाले बच्चों की बात भी नेताओं तक पहुंच सके। क्योंकि बच्चों की अपेक्षाएं भविष्य में देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। इस संबंध में क्राय (पश्चिम) के प्रादेशिक संचालक क्रियान रबाडी ने कहा कि हम इस अभियान के माध्यम से बच्चों के सपनों व अपेक्षाओं को अभिव्यक्ति देना चाहते है। क्योंकि आज के बच्चे कल देश के नागरिक बनेंगे। इसलिए हमने अपने अभियान की शुरुआत शनिवार को कुर्ला स्थित फिनिक्स मॉल से की है। अगला ‘माक वोटिंग बुथ’ 13 अप्रैल को वाशी स्थित रघुलीला मॉल में रखा है। हमने लोगों से अपील की है कि वे बच्चों को लेकर क्या सोचते है यह लिखकर मतदान पेटी में डाले।
बच्चों का गिरता मानसिक स्वास्थ्य समाज की बड़ी समस्या : डॉ.पोपट
उधर नागपुर में डॉ.पोपट ने बच्चों के गिरते मानसिक स्वास्थ्य को समाज की बड़ी समस्या बताया। तीन दशक से अधिक समय से शिक्षा जगत में काम करने के बाद मुझे समझ में आया कि बच्चों का गिरता मानसिक स्वास्थ्य हमारे समाज की बड़ी समस्याओं में से एक है। इस अभियान के साथ जुड़कर मुझे बहुत खुशी हुई है। "टुगेदर फाॅर गुड कैम्पेन' द्वारा हम मिलकर परिवर्तन लेकर आएंगे। यह बात अर्ली चाइल्डहुड एसोसिएशन की प्रेसिडेंट डाॅ. स्वाति पोपट ने कही। उन्होंने कहा कि इस अभियान के साथ हम बच्चों के बीच मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए आशान्वित हैं। हम बच्चों को विविध तरह के तनावों का सामना करना सिखाएंगे। कार्यक्रमों द्वारा बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन लाया जाएगा, जिससे बच्चों को चिंता, तनाव, पीयर प्रेशर और बुलिंग जैसी चुनौतियों का सामना करने का सामर्थ्य प्राप्त होगा। इस अवसर पर संचेती पब्लिक स्कूल एवं जूनियर कॉलेज में बच्चों के फेवरेट सुपर किड शिवा पहुंचे। शिवा को देखकर बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं था। बच्चों का तनाव दूर करने के लिए ‘प्रेशर को बोलो बाय’ अभियान अंतर्गत हर बच्चे को सुरक्षित, विश्वसनीय एवं बेहतर वातावरण मिलने की बात कही गई। साथ ही कहा गया कि बच्चों पर परीक्षाओं के समय पड़ने वाले दबाव के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी। पहले चरण में बच्चों के लिए मनोरंजक गतिविधियां और बातचीत का आयोजन किया गया। दूसरे चरण में माता-पिता और टीचर्स के लिए सेमिनार आयोजित किए गए।