सदन में 3,871 करोड़ की पूरक मांगे पेश, कर्ज के ब्याज के लिए खर्च होंगे 1,229

सदन में 3,871 करोड़ की पूरक मांगे पेश, कर्ज के ब्याज के लिए खर्च होंगे 1,229

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-26 14:13 GMT
सदन में 3,871 करोड़ की पूरक मांगे पेश, कर्ज के ब्याज के लिए खर्च होंगे 1,229

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य की फडणवीस सरकार ने सोमवार को 3871 करोड़ रुपए की पूरक मांगों को विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश किया। इस राशि में 1229 करोड़ रुपए सरकार द्वारा लिए कर्ज के ब्याज की भरपाई के लिए है जबकि 965 करोड़ रुपए रिजर्व बैंक को भुगतान करना है। पूरक मांग पर अगले सप्ताह पांच और छह मार्च को चर्चा होगी।

करीब-करीब चार हजार करोड़ रुपए के आसपास आंकड़ा
विधानसभा में वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने पूरक मांगे पेश कीं। पूरक मांगों का आंकड़ा करीब-करीब चार हजार करोड़ रुपए के आसपास है लेकिन इससे वास्तव में सरकार पर लगभग 1790 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। सबसे ज्यादा पूरक मांगे वित्त विभाग के लिए की गई है। इसके अलावा बाजार से लिए गए कर्ज व्यस्थापन आदि प्रावधानों के लिए एक हजार 229 करोड़ 59 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए हैं।

कर्ज के लिए 900 करोड़ रुपए का प्रावधान
भारतीय रिजर्व बैंक से ली गई स्पेशल ड्राइव फंड के लिए 965 करोड़ 99 लाख और मौजूदा वित्तवर्ष में लिए गए रिइश्यू कर्ज के लिए 900 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग खासकर मराठा समाज के विद्यार्थियों के लिए राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज शिक्षा शुल्क योजना शुरू की है। इस योजना के लाभार्थी विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने और नए अभ्यासक्रम शामिल करने के लिए 354 करोड़ 91 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। 

नागपुर विधि विश्वविद्यालय के लिए 75 करोड़  
केंद्रीय न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना और राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा योजना के राजस्व घाटे के लिए 188 करोड़ 22 लाख, आंगनवाड़ी कर्मचारियों के बढ़े हुए मानधन के लिए 91 करोड़ 3 लाख रुपए, नागपुर में राष्ट्रीय विधी विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए 75 करोड़ रुपए, एकात्मिक बाल विकास सेवा योजना को बेहतर करने के लिए 27 करोड़ 44 लाख रुपए, मच्छीमार सहकारी संस्था सभासद नौकाओं के लिए इस्तेमाल हाईस्पीड डीजल के लिए 21 करोड़ 27 लाख और आत्महत्या करने वाले किसानों के रिश्तेदारों को देने के लिए 14 करोड़ 35 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।


विभाग                                  पूरक मांग (रुपए में)
वित्त विभाग                          3 हजार 95 करोड़ 59 लाख
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा          429 करोड़ 92 लाख
अन्न व नागरिक आपूर्ति          188 करोड़ 29 लाख
महिला एवं बालविकास             120 करोड़ 71 लाख
कृषि, पशु, दुग्ध मत्स्य पालन    21 करोड़ 28 लाख
राजस्व, वन                           14 करोड़ 35 लाख
गृह                                       एक करोड़ 15 लाख


साल 2017-18 की पूरक मांगे
जुलाई 2017                         33 हजार 533 करोड़
दिसंबर 2017                        26 हजार 402 करोड़

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