मनपा स्कूलों में नहीं ले रहे एडमिशन, आधी हो जाएगी संख्या

मनपा स्कूलों में नहीं ले रहे एडमिशन, आधी हो जाएगी संख्या

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-13 08:03 GMT
मनपा स्कूलों में नहीं ले रहे एडमिशन, आधी हो जाएगी संख्या

डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली सरकार वास्तव में शिक्षा को लेकर कितनी सीरियस है इसका अनुमान मनपा शालाओं के हालात देखकर लगाया जा सकता है। कान्वेंट स्कूलों के प्रति बढ़ता क्रेज और  मनपा शालाओं का दिनों दिन गिरता शिक्षा का स्तर मुख्य कारण माना जा रहा है।
देश की सबसे समृद्ध मुंबई महानगर पालिका के स्कूलों में कक्षा पहली में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या साल 2020-21 में आधी हो जाएगी। मुंबई मनपा के स्कूलों की स्थिति में अध्ययन करने वाली निजी संस्था प्रजा फाउंडेशन ने यह दावा किया है। मंगलवार को प्रजा फाउंडेशन के परियोजना निदेशक मिलिंद म्हस्के ने बताया- साल 2008-09 में पहली कक्षा में 63,392 बच्चों ने प्रवेश लिया था। साल 2016-17 में यह संख्या घटकर 32,218 तक पहुंच गई।  पहली कक्षा में दाखिले में 49 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है। म्हस्के ने कहा-यदि इसी तरह गिरावट जारी रही तो साल 2020-21 में मनपा स्कूलों में पहली कक्षा में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या केवल 16,275 रह जाएगी। 
उन्होंने बताया कि साल 2016-17 में स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 8 प्रतिशत यानी 29,186 है। हर साल वैसे आंकड़ा कम होते जा रहा है। हालांकि मनपा के सेमी-अंग्रेजी स्कूलों में छात्रों के स्कूल छोड़ने की दर में गिरावट आंकी गई है।
नगरसेवक गंभीर नहीं : उन्होंने बताया कि साल 2017-18 में मनपा ने पढ़ाई के लिए प्रति छात्र 52,142 रुपए आवंटित किया था। पर छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इस ओर मनपा के नगर सेवक सदन में सवाल पूछने को लेकर गंभीर नहीं है। मनपा सदन में केवल 4 नगरसेवकों ने छात्रों के प्रवेश दर में गिरावट पर सवाल पूछे। इसी तरह मुंबई के विधायक भी मनपा की शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर नजर नहीं आते हैं। साल 2016 में मुंबई विधायकों ने मुंबई मनपा के प्रवेश से जुड़े केवल 5 सवाल विधानसभा में पूछे थे।

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