एक साथ पूरी फीस के लिए जोर देने वाले शिक्षा संस्थानों के खिलाफ होगी कार्रवाई

एक साथ पूरी फीस के लिए जोर देने वाले शिक्षा संस्थानों के खिलाफ होगी कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-11 13:01 GMT
एक साथ पूरी फीस के लिए जोर देने वाले शिक्षा संस्थानों के खिलाफ होगी कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को पूरी फीस भरने के लिए दबाव डालने वाले कृषि विश्वविद्यालयों के अधिकार क्षेत्र वाली शिक्षा संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संस्थान विद्यार्थियों को प्रवेश के समय पूरी फीस भरने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। यदि किसी संस्थान ने जोर-जबरदस्ती की तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। बुधवार को प्रदेश सरकार के कृषि विभाग ने इससे संबंधित परिपत्र (सर्कुलर) जारी किया। इसके अनुसार प्रदेश सरकार की तरफ से आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को सभी कृषि विश्वविद्यालयों के अधिकार क्षेत्र वाले संस्थानों में मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों की पढ़ाई के लिए 50 प्रतिशत शिक्षा शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाती है। 

छत्रपति शाहू महाराज शिक्षा शुल्क छात्रवृत्ति योजना के तहत सुविधा 
लाभार्थी विद्यार्थियों को राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज शिक्षा शुल्क छात्रवृत्ति योजना के तहत यह सुविधा दी जाती है। शैक्षणिक वर्ष 2018-19 से शिक्षा शुल्क प्रतिपूर्ति की 50 प्रतिशत राशि विद्यार्थियों के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी। राज्य की कृषि शिक्षा संस्थाएं आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को प्रवेश देते समय ही 100 प्रतिशत फीस भरने के लिए कहती हैं। कई बार पूरी फीस न भरने वाले विद्यार्थियों को दाखिला नहीं दिया जाता।इस तरह की शिकायतें विद्यार्थियों और अभिभावकों से मिलती रहती हैं। इसलिए सरकार की तरफ से परिपत्रक जारी किया जा रहा है। 

दाखिले के समय विद्यार्थियों से केवल 50 प्रतिशत फीस ही लें 
सरकार का कहना है कि वास्तविक रूप में संस्थाओं को दाखिले के समय विद्यार्थियों से केवल 50 प्रतिशत फीस ही लेना चाहिए। बाकी 50 प्रतिशत राशि सरकार की तरफ से छात्रवृत्ति के रूप में विद्यार्थियों के बैंक खाते में जमा कराया जाता है। उसके बाद विद्यार्थियों को यह राशि संस्था को देना होता है। 

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