रेत उत्खनन रोकने के आदेश का सीधा असर निर्माण कार्य पर, बढ़ सकती है अवैध ढुलाई
रेत उत्खनन रोकने के आदेश का सीधा असर निर्माण कार्य पर, बढ़ सकती है अवैध ढुलाई
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सावनेर, पारसिवनी, कामठी, मौदा व कुही क्षेत्र के रेत घाट से जुड़े लोग सकते में आ गए हैं। गौरतलब है कि रेत उत्खनन का मामला विवादित है। रेत तस्करी के आरोप बढ़ रहे हैं। प्रशासन के इस आदेश से अवैध रेत उत्खनन बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। वैसे भी अवैध रेत उत्खनन व राजस्व चोरी के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। विभाग कार्रवाई भी करता है लेकिन स्थिति जस की तस हो जाती है।
नई रेत पालिसी बनाने के निर्देश
न्यायालय में मामला विचाराधीन है। राज्य सरकार को मई 2019 तक नई रेत पालिसी बनाने व लागू करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन रेत की जरूरत को देखते हुए न्यायालय के ही निर्देश पर मार्च 2019 में कुछ रेत घाटों पर उत्खनन को मंजूरी दी गई। अब भंडारा के घाटों का मामला अड़चन का विषय बना है। भंडारा मामले में उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के आदेश को देखते हुए प्रशासन ने सभी घाटों पर पांबदी का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी ने 2 मई 2019 को तहसीलदारों को आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि भंडारा मामले को देखते हुए जिले में रेत उत्खनन व ढुलाई के लिए राज्य के राजस्व व वनविभाग से मार्गदर्शन लिया जा रहा है। मार्गदर्शन मिलने तक सभी घाट बंद रखे जाएं।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों शहर में निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं लोग बारिश के पूर्व निर्माण कार्य कंपलिट करना चाहते हैं लेकिन रेत ढुलाई बंद होने से सीधा असर निर्माण कार्य से जुड़े लोगों पर पड़ेगा। इससे अवैध व्यवसाय को भी बढ़ाना मिलने का अंदेशा है।