राज्य सरकार के पास केंद्र सरकार का कोयले का 3 हजार करोड़ रुपए बकाया

दानवे का दावा राज्य सरकार के पास केंद्र सरकार का कोयले का 3 हजार करोड़ रुपए बकाया

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-10 14:05 GMT
राज्य सरकार के पास केंद्र सरकार का कोयले का 3 हजार करोड़ रुपए बकाया

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के बिजली उत्पादन केंद्रों में कोयले की कमी के बीच केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री रावसाहब दानवे ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। रविवार को दानवे ने कहा कि राज्य सरकार के पास केंद्र सरकार का कोयले का 3 हजार करोड़ रुपए बकाया है। बिजली उत्पादन के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को कोयले की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के मंत्री लगातार कहते हैं कि केंद्र सरकार के पास महाराष्ट्र की जीएसटी की राशि बाकी है। लेकिन राज्य सरकार के पास केंद्र सरकार की बकाया राशि का कभी जिक्र नहीं करते। दानवे ने कहा कि राज्य सरकार के पास केंद्र सरकार का कोयले का 3 हजार करोड़ रुपए, रेलवे का 5 हजार करोड़, एमआरवीसी कंपनी का 700 करोड़ रुपए और धारवी परियोजना का 200 करोड़ रुपए बकाया है। दानवे ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के नेताओं को एक बैठक करनी चाहिए। जिसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार एक-दूसरे का बकाया राशि चरण बद्ध तरीके से कब तक लौटएगी। इस बारे में फैसला लिया जाना चाहिए। दानवे ने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए राज्य सरकार ने अभी तक एक भी रुपया नहीं दिया है। दानवे ने कहा कि देश में कोयला भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। भारत में जितने कोयले की आवश्यकता होती है उसमें से 80 प्रतिशत कोयला देश में ही निर्माण होता है। 20 प्रतिशत कोयले को आयात करना पड़ता है। भारत में निर्माण होने वाले कोयले की दर 2 हजार रुपए से 12 हजार रुपए तक प्रति टन है। जबकि आयायित कोयले की दर 10 हजार रुपए प्रति टन है। दानवे ने कहा कि जुलाई, अगस्त और सिंतबर में बारिश के दौरान  कोयले की कमी होती है। इसलिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को जनवरी महीने में ही कोयला का स्टॉक तैयार करने के लिए पत्र भेजा है। कोयले के भंडारण की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। लेकिन महाराष्ट्र में कोयले का भंडारण नहीं हो पा रहा है। 
 

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