दिव्यांगों की भर्ती के लिए तय नहीं किया जा सकता बेंचमार्क : बांबे हाईकोर्ट

दिव्यांगों की भर्ती के लिए तय नहीं किया जा सकता बेंचमार्क : बांबे हाईकोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-03 03:27 GMT
दिव्यांगों की भर्ती के लिए तय नहीं किया जा सकता बेंचमार्क : बांबे हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट का कहना है कि विकलांगों के लिए निर्धारित पदों को भरने के लिए कोई मानक (बेंचमार्क) तय नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के नेत्रहीनों को अपने आर्थिक और नीति शोध विभाग में नियुक्त नहीं करने के निर्णय को खारिज करते हुए ये बात कही है। न्यायमूर्ति नरेश पाटील और जेए हक की खंडपीठ ने कहा कि जब पद नेत्रहीन उम्मीदवार के लिए आरक्षित रखा गया हो, तो ऐसे में उस पर नियुक्ति को लेकर मानक तय करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। खंडपीठ ने कहा कि यह जरुरी है कि विभाग नेत्रहीन उम्मीदावारों की एक अलग मेरिट लिस्ट तैयार करे। बगैर किसी तय मानक के इसी लिस्ट से मेरिट के आधार पर पद के लिए लोगों के नाम पर विचार किया जाए। खंडपीठ ने यह बात नेत्रहीन क्रांति गोयल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। गोयल ने आर्थिक एवं नीति शोध विभाग में शोध अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। 

ये था मामला
याचिका में गोयल ने विभाग के उस निर्णय को चुनौती दी थी, जिसके तहत विभाग ने तय किया था कि वह किसी भी नेत्रहीन उम्मीदवार की नियुक्ति के लिए चयन नहीं करेगा। क्योंकि किसी भी उम्मीदवार ने लिखित परीक्षा में 350 में से 210 अंक (कट ऑफ) हासिल नहीं किए हैं। याचिका में गोयल ने कहा था कि विभाग ने सामान्य वर्ग के लोगों व नेत्रहीन श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए समान मानक तय किए थे। और सिर्फ सात प्रतिशत अतिरिक्त अंक ही नेत्रहीन उम्मीदवारों को आवंटित किए थे। 

सिर्फ सात प्रतिशत ग्रेस मार्क देना उपयुक्त मानक नहीं
मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि विभाग ने सामान्य एवं नेत्रहीन श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए एक जैसे मानक मनमाने तरीके से तय किए हैं। यह पर्सन विथ डिसेबिल्टी एक्ट 1995 के प्रावधानों और उद्देश्य के विपरीत है। खंडपीठ ने कहा कि नेत्रहीन उम्मदीवारों को सिर्फ सात प्रतिशत ग्रेस मार्क देना उपयुक्त मानक नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि विभाग आर्थिक एवं नीति शोध विभाग में शोध अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए परीक्षा देने वाले नेत्रहीन उम्मीदवारों की अलग लिस्ट बनाए और उसमे से मेरिट के आधार पर पद के लिए लोगों का चुनाव करें।
 

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